जिला कारागार, मथुरा का निरीक्षण
मथुरा। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा श्री राजीव भारती जी के निर्देशानुसार आज दिनांक 06.12.2022 को जिला कारागार, मथुरा का निरीक्षण श्रीमती नीरू शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला कारागार मथुरा के जेलर श्री महाप्रकाश, डिप्टी जेलर सुश्री करुणेश कुमारी, डिप्टी जेलर श्रीमती शिवानी यादव, चिकित्साधिकारी डॉ. उपेंद्रपाल सोलंकी, व जेल बंदी पराविधिक स्वयसेवकगण आदि उपस्थित रहे।
जिला कारागार मथुरा में आज निरीक्षण दौरान कुल 1648 बंदी निरूद्ध होना पाया गया। जिला कारागार चिकित्सालय के निरीक्षण दौरान पाया गया कि इस चिकित्सालय में 48 बंदी मरीजों का ईलाज किया जा रहा है, जिसमे 05 टी0बी0 से ग्रसित हैं जिन्हें अलग-अलग बैरकों में रखा गया है। बंदी मरीजों से पृथक-पृथक वार्ता की गई व सभी के स्वास्थ व ईलाज के बारे में चिकित्सक से जानकारी ली गई। इस चिकित्सालय में बंदी मरीजों के मनोरंजन हेतु एक टी.वी. लगा है, स्वच्छ पानी हेतु एक आर.ओ. लगा पाया गया। जेल अस्पताल में भर्ती बंदी मरीजों की समस्याओं को सुना गया तथा उनके निराकरण हेतु जेल चिकित्सक व जेल प्रशासन को आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये। वर्तमान में जेल में निरूद्ध बंदियों को एल०ई०डी० बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जेल में पोशाक बनाने का कार्य भी बंदियों द्वारा किया जा रहा है।
महिला बंदियों हेतु जिला कारागार की महिला बैरक में प्रथक से चिकित्सालय बनाया गया है, जिसमे महिला चिकित्सक व दो नर्सों द्वारा सप्ताह में एक दिन महिला बंदियों का स्वास्थ परीक्षण किया जाता है। महिला बैरक में निरुद्ध महिला बंदियों से वार्ता की गई तथा उनके प्रकरणों की जानकारी ली गई।
पाकशाला (रसोई घर) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान कुछ बंदी सायं का भोजन बनाने की तैयारी कर रहे थे। पाकशाला में साफ-सफाई पाई गई। महिला एवं पुरूष बंदियों को आज प्रातः नाश्ते में चाय, छोंका चना व गुड तथा दोपहर के भोजन में उड़द व चना की दाल, आलू पालक की सब्जी व रोटी दी गई है। सांयकाल के भोजन में रोटी, मसूड़ की दाल आलू बैंगन की सब्जी दी जायेगी। पेयजल हेतु जेल में एक बड़ा आर.ओ. प्लांट लगा है तथा बैरकों में आर.ओ. लगे हैं। वैरकों व जिला कारागार परिसर में साफ सफाई पाई गई।
निरीक्षण दौरान उपस्थित बंदियों से निशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता के सम्बंध में जानकारी ली गई, कुछ बंदियों द्वारा बताया गया कि उनके पास अधिवक्ता नही है जिनके नाम तथा प्रकरण लिखकर जेलर द्वारा प्रार्थनापत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भेजे जाने हेतु निर्देशित किया गया। अधिकांश बदियों द्वारा बताया गया कि सभी के पास उनके व्यक्तिगत / सरकारी अधिवक्ता मौजूद हैं बंदियों द्वारा खाने-पीने की कोई समस्या होना नहीं बताया गया।
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