जिला जज, मुख्य विकास अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया जिला कारागार मथुरा का निरीक्षण
मथुरा। माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा श्री राजीव भारती, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शैलेश कुमार पाण्डेय तथा जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रुप में मुख्य विकास अधिकारी श्री मनीष मीणा द्वारा आज दिनांक 23 दिसंबर, 2022 को जिला कारागार, मथुरा का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री राकेश सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती नीरू शर्मा, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) श्री विजय शंकर दुबे, जेल अधीक्षक श्री ब्रजेश कुमार, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी श्री उपेंद्र सोलंकी, चिकित्सा अधिकारी डा० उत्पल सरकार, जेलर श्री महाप्रकाश सिंह, डिप्टी जेलर सुश्री करुणेश कुमारी, श्रीमती शिवानी यादव व श्री अनूप कुमार सहित जेल के अन्य कर्मचारीगण, जेल बंदीगण आदि उपस्थित रहे।
जिला कारागार मथुरा में आज निरीक्षण दौरान कुल 1647 बंदी निरूद्ध होना पाया गया। जिला कारागार चिकित्सालय के निरीक्षण दौरान पाया गया कि इस चिकित्सालय में 51 बंदी मरीजों का ईलाज किया जा रहा है, जिन्हें अलग-अलग बैरकों में रखा गया है। सभी बंदी मरीजों से पृथक-पृथक वार्ता की गई व सभी के स्वास्थ व ईलाज के बारे में जेल चिकित्सक डा० उपेंद्र सोलंकी से जानकारी ली गई। मनोरंजन हेतु एक टी.वी. लगा है, स्वच्छ पानी हेतु एक आर.ओ. लगा पाया गया।
पाकशाला (रसोई घर) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान कुछ बंदी सायं के भोजन बनाने की तैयारी कर रहे थे। एक बड़ी मशीन द्वारा रोटियां सेकी जा रही थी। पाकशाला में साफ-सफाई पाई गई। महिला एवं पुरूष बंदियों को आज प्रातः नाश्ते में चाय, दलिया व गुड़ दिया गया था तथा दोपहर के भोजन में उड़द चना की दाल, आलू सोयाबीन की सब्जी व रोटी दी गई। सांयकाल के भोजन में रोटी, साबूत मसूड की दाल, आलू बैगन की सब्जी दी जायेगी।
जनपद न्यायाधीश श्री राजीव भारती द्वारा निरीक्षण दौरान उपस्थित महिला व पुरुष बंदियों से उनके प्रकरणों के संबंध में वार्ता करते हुए, निशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता के सम्बंध में जानकारी ली गई, बदियों द्वारा बताया गया कि सभी के पास उनके व्यक्तिगत / सरकारी अधिवक्ता मौजूद हैं, बंदियों द्वारा खाने-पीने की कोई समस्या होना नहीं बताया गया। जिला कारागार में साफ-सफाई पाई गई।
जनपद न्यायाधीश, मुख्य विकास अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा अन्य न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ महिला व पुरुष बैरकों, पुस्तकालय आदि का भी निरीक्षण किया गया। बैरकों में बंदियों के लिए पीने के पानी हेतु आर.ओ. लगे हैं, मनोरंजन हेतु टी.वी. लगी हैं। महिला बैरक के पास महिला बंदियों हेतु महिला चिकित्सालय व महिला बंदियों के साथ रह रहे बच्चों की शिक्षा हेतु शिक्षा कक्ष का निर्माण किया गया है। इस महिला चिकित्सालय में महिला चिकित्सक व नर्सों द्वारा सप्ताह में एक दिन उपस्थित होकर महिला बंदियों का स्वास्थ परीक्षण किया जाता है। महिला चिकित्सालय के समक्ष बने शिक्षा कक्ष में महिला बंदियों द्वारा बच्चों को पढ़ाया जा रहा था।
जिला कारागार में बंदियों को पोषाक बनाने हेतु सिलाई प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है। इस केंद्र में बंदियों द्वारा ठाकुरजी के वस्त्र बनाने का प्रशिक्षण लिया जाता है।
निरीक्षण दौरान जनपद न्यायाधीश व अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों द्वारा बंदियों को मिलजुल कर रहने, अच्छा आचरण करने को प्रेरित किया गया।
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