जियो-एयरटेल स्टारलिंक के साथ देंगे सैटेलाइट इंटरनेट, जानें कैसे काम करती है यह टेक्नोलॉजी
रिलायंस जियो और एयरटेल ने भारत में स्टारलिंक हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट लाने के लिए एलन मस्क की स्पेसएक्स के साथ करार किया है, इस समझौते को तभी अमली जामा पहनाया जा सकता है, जब स्पेसएक्स को केंद्र सरकार से भारत में स्टारलिंक की सेवाएं उपलब्ध कराने की मंजूरी दी जाएगी।

नई दिल्ली (आरएनआई) एयरटेल के बाद अब देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर रिलायंस जियो ने भी इलॉन मस्क की कंपनी स्टार लिंक के साथ सैटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइड करने के लिए करार किया है।
कल यानी मंगलावार (11 मार्च) को टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने अमेरिकी कंपनी के साथ करार किया था। एयरटेल ने कल स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है।
समझौते के तहत, स्पेसएक्स और एयरटेल बिजनेस, शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य सेवा केंद्रों और दूरदराज के क्षेत्रों में स्टारलिंक सर्विसेस देने के लिए मिलकर काम करेंगे। एयरटेल के मौजूदा नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टारलिंक टेक्नोलॉजी इंटीग्रेट करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
सवाल 1- स्टारलिंक क्या है?
जवाब- स्टारलिंक 100 से ज्यादा देशों में सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट देती है। उसके पास पृथ्वी की निचली कक्षा में 7 हजार से ज्यादा सैटेलाइट का सबसे बड़ा सैटेलाइट नेटवर्क है। स्टारलिंक इंटरनेट के जरिए स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन गेमिंग, वीडियो कॉल आसानी से किया जा सकता है।
इसमें कंपनी एक किट उपलब्ध करवाती है जिसमें राउटर, पावर सप्लाई, केबल और माउंटिंग ट्राइपॉड दिया जाता है। हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए डिश को खुले आसमान के नीचे रखा जाता है। iOS और एंड्रॉयड पर स्टारलिंक का एप मौजूद है, जो सेटअप से लेकर मॉनिटरिंग करता है।
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