'जिम्मेदारी न निभाने वाले हों रिटायर, मदद न करने वाले आराम करें', कांग्रेस नेताओं को खरगे का कड़ा संदेश
अहमदाबाद में साबरमती के तट पर कांग्रेस पार्टी की अहम बैठकें आयोजित की गई है। वहीं इस बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं को कड़ा संदेश दिया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ कहा कि, वे सभी नेता जो पार्टी की तरफ से दी गई जिम्मेदारी नहीं निभाते हैं वे रिटायर हो जाएं और जो पार्टी के काम में मदद नहीं कर सकते, वो आराम करें।

अहमदाबाद (आरएनआई) अहमदाबाद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी नेताओं को तीखा संदेश देते हुए कहा कि जो लोग पार्टी के काम में मदद नहीं करते हैं, उन्हें आराम करने की जरूरत है, जबकि जो लोग अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभाते हैं, उन्हें सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए। साबरमती नदी के तट पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में अपने अध्यक्षीय भाषण में खरगे ने इस बात पर भी जोर दिया कि संगठन में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की भूमिका को काफी बढ़ाया जाएगा और उनकी नियुक्ति अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सख्ती और निष्पक्षता से की जाएगी।
उन्होंने कहा, 'संगठन के निर्माण में जिला अध्यक्षों की भूमिका महत्वपूर्ण होने जा रही है। इसलिए उनकी नियुक्ति अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार सख्ती और निष्पक्षता से की जानी चाहिए।' खरगे ने कहा कि जिला अध्यक्ष को अपनी नियुक्ति के एक साल के भीतर सबसे अच्छे लोगों को जोड़कर बूथ कमेटी, मंडल कमेटी, ब्लॉक कमेटी और जिला कमेटी बनानी होती है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'हमने देश भर के जिला अध्यक्षों की तीन बैठकें भी बुलाईं। राहुल जी और मैंने उनसे बात की और उनके सुझाव लिए। भविष्य में हम चुनावों के लिए उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में जिला अध्यक्षों को भी शामिल करने जा रहे हैं।' खरगे ने कहा, 'मैं यह भी कहना चाहता हूं कि जो लोग पार्टी के काम में मदद नहीं करते, उन्हें आराम करने की जरूरत है, जो अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं करते, उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए।'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल के सिद्धांतों का पालन कर रही है। खरगे ने कहा, 'हम फिर से भारत की आजादी के लिए लड़ रहे हैं। आजादी की इस दूसरी लड़ाई में दुश्मन फिर से अन्याय, असमानता, भेदभाव, गरीबी और सांप्रदायिकता हैं।' खड़गे ने कहा कि फर्क सिर्फ इतना है कि पहले विदेशी लोग अन्याय, गरीबी और असमानता को बढ़ावा देते थे, अब हमारी अपनी सरकार ऐसा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, 'पहले विदेशी लोग सांप्रदायिकता का फायदा उठाते थे, आज हमारी अपनी सरकार इसका फायदा उठा रही है।' खरगे ने कहा, 'लेकिन हम यह लड़ाई भी जीतेंगे!'
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