जाति आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध वाले विधेयक को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे समर्थक

अगर जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक पर गवर्नर हस्ताक्षर कर देते हैं, तो यह कानून बन जाएगा। ऐसे में कैलिफोर्निया जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला राज्य बन जाएगा।

Sep 6, 2023 - 10:37
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जाति आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध वाले विधेयक को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे समर्थक
सांकेतिक तस्वीरें।

कैलिफोर्निया। (आरएनआई) कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा में हाल ही में जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को पारित किया गया था। अब इसे कानून बनाने के लिए गवर्नर गेविन न्यूसोम के हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है। इस बीच, मंगलवार को कुछ लोग गवर्नर पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर दबाव डालने के लिए भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। 

अगर इस विधेयक पर गवर्नर हस्ताक्षर कर देते हैं, तो यह कानून बन जाएगा। ऐसे में, कैलिफोर्निया जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला राज्य बन जाएगा। हालांकि, इस साल की शुरुआत में सिएटल जातिगत भेदभाव को गैरकानूनी घोषित करने वाला पहला अमेरिकी शहर बन गया है।

इक्वेलिटी लैब्स के कार्यकारी निदेशक थेनमोझी सुंदरराजन ने कहा कि पूरे कैलिफोर्निया में 700 से अधिक वकालत बैठकें होने के बाद लोगों ने जाति समानता सुरक्षा के लिए जोरदार ढंग से बात की है। उन्होंने कहा कि कैलिफोर्निया के एक नागरिक के रूप में मैंने भी पूरे जीवन जाति को सहन किया है। मैं जानता हूं कि जाति-उत्पीड़ित कैलिफोर्नियावासियों ने किस संघर्ष और प्रतिकूल परिस्थितियों का पहली बार अन्यायपूर्ण सामना किया है। जाति-उत्पीड़ित लोग बीस वर्षों से अधिक समय से भेदभाव से मुक्त जीवन जीने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए के गोविंद आचार्य का कहना कि जातिगत भेदभाव नागरिक अधिकारों का अंतर्निहित उल्लंघन है। जाति-आधारित भेदभाव और हिंसा मानवीय गरिमा और समानता के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि एसबी 403 यह स्पष्ट करता है कि जाति-उत्पीड़ित समुदायों के अधिकारों को परिभाषित करना न्याय और सम्मान के लिए आवश्यक है।

कैलिफोर्निया के श्री गुरु रविदासिया समुदाय के सदस्य और जाति समानता गठबंधन के लिए कैलिफोर्नियावासियों के एक प्रमुख आयोजक डॉक्टर निर्मल सिंह ने कहा कि मैं यह याद दिलाने के लिए भूख हड़ताल कर रहा हूं कि यह विधेयक मेरी दो बेटियों के लिए कितना महत्वपूर्ण है। मैं यह जानते हुए इस राज्य में नहीं रह सकता कि जातिगत भेदभाव बेरोकटोक जारी रह सकता है। हम अब उन सभी के लिए हड़ताल कर रहे हैं जो बोलने में सक्षम नहीं हैं।

बड़ी संख्या में दक्षिण एशियाई और भारतीय अमेरिकियों ने विधेयक का विरोध किया है और तर्क दिया है कि यह विशेष रूप से हिंदू समुदाय को अपराधी बना देगा। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने कहा कि कैलिफोर्निया ने दक्षिण एशियाई और हिंदुओं को गलत दिखाने और निशाना बनाने वाला कानून पारित करके अपने नस्लवादी अतीत को फिर से जागृत किया है।

जब कोई राज्य विधायक किसी जातीय समुदाय को निशाना बनाने के इरादे से किसी कानून को आगे बढ़ाता है, तो यह न केवल नस्लवादी है, बल्कि असंवैधानिक भी है। हम हिंदू कैलिफोर्नियावासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर विकल्प तलाशेंगे। एचएएफ इसके खिलाफ मुकदमा दायर करने की योजना बना रही है।

यह विधेयक 28 अगस्त को सदन से पारित हो गया था। अब इसे कानून बनाने के लिए गवर्नर गेविन न्यूसोम के हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है। बता दें, इस विधेयक का उद्देश्य जातिगत भेदभाव से निपटना और राज्य में रहने वाले हाशिए समुदायों के लिए सुरक्षा को मजबूत करना है। 

इसे पहली बार राज्य सीनेटर आयशा वहाब ने पेश किया था। सीनेट में विधेयक एसबी-403 को पहले ही मंजूरी दे दी गई थी। वहां हुई वोटिंग में इसके पक्ष में 34, जबकि विपक्ष में सिर्फ 1 वोट पड़ा था। अब यह विधेयक सदन में पेश हुआ, जहां भी इसे पास कर दिया गया। गवर्नर के हस्ताक्षर होने के बाद ये कानून बन जाएगा।

यह कानून वंशावली के तहत जाति को एक संरक्षित श्रेणी के रूप में जोड़कर कैलिफोर्निया के अनरुह नागरिक अधिकार अधिनियम, शिक्षा और आवास कोड को संशोधित करेगा। इस साल की शुरुआत में पेश किए जाने के बाद से, विधेयक कई चरणों से होकर गुजरा है। इस दौरान कई श्रम और नागरिक अधिकार संस्थाओं से बड़े पैमाने पर द्विदलीय सहमति प्राप्त हुई है।

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