जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजे जाने का विरोध जारी, हो सकती है हड़ताल; बार एसोसिशएन ने सुप्रीम कोर्ट से की अपील
जस्टिस यशवंत वर्मा के इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरण का विरोध जारी है। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को सौंपने की अपील की है। एसोसिएशन का कहना है कि न्यायमूर्ति वर्मा के सभी फैसलों की समीक्षा होनी चाहिए और उन्हें तब तक दिल्ली में ही रहना चाहिए।

प्रयागराज (आरएनआई) दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा मामले में हाई कोर्ट बार एसोसिशएन इलाहाबाद की आमसभा संपन्न हो गई है। एसोसिएशन की तरफ से प्रकरण की जांच सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय को भी शामिल करने का अनुरोध सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से किया गया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा, मुख्य न्यायाधीश से हमारा अनुरोध है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय में स्थानांतरित न किया जाए क्योंकि कोई भी न्यायालय कूड़ाघर नहीं है।
उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने तक उन्हें सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में दिल्ली में रहना चाहिए। न्यायमूर्ति वर्मा के सभी निर्णयों की समीक्षा की जानी चाहिए। अध्यक्ष के अनुसार हमने मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि वे सीबीआइ और ईडी को एफआइआर दर्ज करने और औपचारिक जांच के साथ आगे बढ़ने की अनुमति दी जाए।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद की कार्यकारिणी की आपात बैठक चल रही है। इसमें सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद हाई कोर्ट में किए जाने की फिर से संस्तुति के मद्देनजर हड़ताल की घोषणा की जा सकती। एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि सभी परिस्थितियों पर विचार किया जा रहा है।
पिछले दिनों जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी बंगले में आग लग गई थी। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आग की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम को आग बुझाने के दौरान उनके बंगले में भारी मात्रा में कैश दिखा था। बंगले में इतनी मोटी रकम देखकर कर्मचारियों के होश उड़ गए थे। इसके बाद फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने अपने उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी थे।
06/01/1969 को जन्मे यशवंत वर्मा ने 1992 में लॉ यूनिवर्सिटी रीवा से लॉ में ग्रैजुएशन किया। इसके बाद 08/08/1992 को वकील के रूप में एनरोल हुए। इसके बाद उनके करियर में सफलता का रास्ता खुलता चला गया और फिर वे 2006 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए विशेष अधिवक्ता रहे। इसके बाद यशवंत वर्मा 2012 से 2013 तक यूपी सरकार के लिए मुख्य स्टैंडिंग काउंसिल रहे।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?






