जल्द एचपीवी किट से होगी महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की पहचान
विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय में महिलाएं लक्षण दिखने के बाद भी शर्म या अन्य कारणों से जांच करवाने नहीं आतीं। जब समस्या बढ़ जाती है तो अस्पताल पहुंचती हैं। ऐसे में गंभीर हो चुके रोग का इलाज कठिन हो जाता है।
नई दिल्ली, (आरएनआई) महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर की पहचान जल्द ही एचपीवी किट से हो सकेगी। इनके लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि कोरोना की तरह घर बैठे महिलाएं आसानी से खुद की जांच कर सकेंगी। इस किट को बनाने पर शोध चल रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही यह महिलाओं को उपलब्ध हो जाएगी।
मौजूदा समय में महिलाएं लक्षण दिखने के बाद भी शर्म या अन्य कारणों से जांच करवाने नहीं आतीं। जब समस्या बढ़ जाती है तो अस्पताल पहुंचती हैं। ऐसे में गंभीर हो चुके रोग का इलाज कठिन हो जाता है। किट के आने के बाद महिलाएं आसानी से जांच कर सकेंगी। लेडी हार्डिंग अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग में कैंसर विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. शारदा ने बताया कि किट को लेकर शोध चल रहा है और उम्मीद है कि जल्द यह महिलाओं को उपलब्ध हो जाएगी।
ओपीडी में आने वाली अधिकतर महिलाएं परेशानी को नजरअंदाज करती हैं। जिससे समस्या बढ़ जाती है। यदि बच्चेदानी के मुंह पर होने वाले इंफेक्शन को शुरुआती दौर में ही पकड़ लें तो 100 फीसदी इलाज हो सकता है, लेकिन महिलाएं रोग गंभीर होने पर आती हैं। यदि महिलाएं 30 से 45 की उम्र में नियमित जांच करवाती हैं तो कैंसर होने की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। बता दें कि स्तन कैंसर के बाद महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे ज्यादा कैंसर है।
कैंसर ओपीडी में आने वाली महिलाओं से बातचीत के बाद पता चलता है कि अधिकतर महिलाएं परेशानी होने के बाद भी इसे नजरअंदाज करती हैं। यदि महिलाएं समय पर समस्या की पहचान कर इलाज शुरू कर देती हैं तो पूरा इलाज हो सकता है।
सर्वाइकल कैंसर होने के लिए 99.9 फीसदी एचपीवी वायरस जिम्मेदार है। इसके इंफेक्शन से ही समस्या बढ़ती है। हालांकि, 80 फीसदी मामलों में महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण यह अपने आप ही ठीक हो जाती है, लेकिन 20 फीसदी मामलों में यह वायरस सोए हुए अवस्था में महिला के निजी अंग में रहता है। जब महिला की इम्यूनिटी कमजोर होती है। एनीमिया बढ़ता है और पोषण घटता है तो वायरस सक्रिय होकर इंफेक्शन बढ़ाता है जो आगे चलकर 5 से 20 सालों में कैंसर बना देता है।
22 से अधिक उम्र की महिला का पैप टेस्ट, हर 3 साल में एक बार
30 साल से अधिक उम्र की महिला का एचपीवी टेस्ट, हर पांच साल में एक बार
निजी अंग से सफेद पानी का निकलना
शारीरिक संबंध बनाने पर निजी अंग से खून का रिसाव
सर्वाइकल कैंसर बढ़ने पर दिक्कत : पेट व कमर में दर्द
महिलाओं में यह कैंसर सामान्य : स्तन, ग्रीवा, ओवरी, यूट्रस
Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z
What's Your Reaction?