जलवायु परिवर्तन से जैव विविधता में आ सकती 39% गिरावट

जलवायु परिवर्तन से जैव विविधता में 39% गिरावट आ सकती है। वैज्ञानिकों द्वारा  जलवायु मॉडल के जरिये किए ताजा शोध में यह बात पता चली है। 

Jul 28, 2024 - 06:00
 0  351
जलवायु परिवर्तन से जैव विविधता में आ सकती 39% गिरावट

नई दिल्ली (आरएनआई) जलवायु परिवर्तन से आने वाले समय में स्थलीय व समुद्री जीव-जंतुओं और पौधों की विभिन्न प्रजातियों पर भारी संकट आ सकता है। वैज्ञानिकों ने जलवायु मॉडल के जरिये किए ताजा शोध से पता चला कि  अगले 20 वर्षों के दौरान करीब 39% प्रजातियों में कमी आ सकती है। 

पारंपरिक मॉडलों के पूर्वानुमान इस बात की तस्दीक करते है कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में स्थानीय प्रजातियों की विविधता 2041 से 2060 के बीच 54 फीसदी तक कम हो सकती है। यह शोध इफ्रेमर और लॉजेन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की अगुवाई में किया गया है और नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों ने अपने नए मॉडल को दुनिया भर से लगभग 25,000 स्थलीय व समुद्री प्रजातियों, जिसमें जानवर और पौधे भी शामिल हैं, पर आजमाया। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) भौगोलिक वितरण मानचित्र प्रदान करता है। भविष्य के जलवायु परिवर्तन के परिदृश्यों के साथ अपने मॉडल में इस आंकड़े को जोड़कर उन्होंने पाया कि इनमें से 49 फीसदी स्थलीय प्रजातियां वर्तमान में जलवायु स्थितियों की सीमाओं से सटे स्थानों में रहती हैं और शेष 51फीसदी वर्तमान जलवायु सीमाओं से परे रहती हैं। समुद्री प्रजातियों के लिए यह आंकड़ा बढ़कर 92 फीसदी हो जाता है।

शोधकर्ता अपने निष्कर्ष में कहते हैं कि यह 39 फीसदी की गिरावट भी चिंताजनक है, इसलिए जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए तत्काल उपाय किए जाने चाहिए।

शोधकर्ताओं के अनुसार सबसे अनोखे परिणाम उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से संबंधित हैं। पारंपरिक मॉडलों के अनुसार 2041-2060 तक उष्णकटिबंधीय स्थलीय प्रजातियों का 54 फीसदी तक नुकसान होगा। जबकि नया मॉडल प्रजातियों की विविधता में मात्र 39 फीसदी की कमी का पूर्वानुमान लगता है। वैज्ञानिकों ने संभावना जताई कि उष्णकटिबंधीय प्रजातियां पहले की तुलना में जलवायु परिवर्तन को बेहतर तरीके से सहन कर सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, वर्तमान में इन क्षेत्रों में जो जलवायु है वह 2041 तक मौजूद नहीं रहेगी। ये प्रजातियां पहले से ही अपने जलवायु क्षेत्र की सीमा के बाहर रह रही हैं और वे काफी गर्म तापमान को सहन नहीं कर पाएंगी।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.