जम्मू-कश्मीर में मुफ्त बिजली की चमक से सत्ता की खोज

जम्मू-कश्मीर में चुनाव के शंखनाद के बीच अधिकत्तर पार्टियों के घोषणापत्र में 200 से 500 यूनिट बिजली निशुल्क देने के वादे हैं। पहले से जम्मू-कश्मीर को हर वर्ष पांच से छह हजार करोड़ की बिजली खरीदनी पड़ रही है। ये बोझ पड़ोसी राज्य पंजाब और राजधानी दिल्ली से भी अधिक है।

Aug 30, 2024 - 11:22
 0  1.7k
जम्मू-कश्मीर में मुफ्त बिजली की चमक से सत्ता की खोज

जम्मू (आरएनआई) पहले से बिजली संकट से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर में इन दिनों मुफ्त बिजली के वादे किए जा रहे हैं। सत्ता के लिए किए जा रहे ये वादे पूरे करने में राज्य पर एक हजार करोड़ का आर्थिक बोझ पड़ेगा। चुनाव के शंखनाद के बीच अधिकत्तर पार्टियों के घोषणापत्र में 200 से 500 यूनिट बिजली निशुल्क देने के वादे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और अपनी पार्टी ने निशुल्क बिजली का वादा किया है। अर्थशास्त्री मानते हैं कि ये घोषणाएं जमीनी स्तर पर पूरी होना संभव नहीं हैं। अगर राजनीतिक दल पंजाब और दिल्ली की तर्ज पर ये वादे कर रहे हैं, तो कुछ घंटे ही बिजली नसीब हो पाएगी। निशुल्क की जगह सस्ती बिजली देने का वादा ज्यादा अच्छा विकल्प हो सकता है। 

पहले से जम्मू-कश्मीर को हर वर्ष पांच से छह हजार करोड़ की बिजली खरीदनी पड़ रही है। ये बोझ पड़ोसी राज्य पंजाब और राजधानी दिल्ली से भी अधिक है। पंजाब हर महीने 300 यूनिट और दिल्ली 200 यूनिट निशुल्क बिजली देते हैं। पंजाब की देनदारी करीब चार हजार करोड़ और दिल्ली की 3535 करोड़ रुपये है। इन दोनों से जम्मू-कश्मीर की देनदारी अधिक है। बिजली जम्मू के लोगों के बड़ा मुद्दा है। यहां स्मार्ट मीटर लगने के बाद लोग विरोध में भी उतर चुके हैं। जम्मू-कश्मीर में नए इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जा रहे हैं, उससे आने वाले दिनों में बिजली पर खर्च और बढ़ेगा।

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने लोगों से 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने का वादा किया था। इस वादे पर सरकार भी बना ली गई। एक महीना पहले ही सरकार को अपने वादे से पलटना पड़ गया। सरकार ने 300 यूनिट वाली योजना रद्द कर दी। हिमाचल प्रदेश में 300 यूनिट बिजली के इस्तेमाल पर 6 रुपये प्रति यूनिट देना पड़ता है। हिमाचल को निशुल्क बिजली देने से एक हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था।

राजस्थान में गहलोत सरकार लोगों को 100 यूनिट निशुल्क बिजली देती रही है। इस वजह से राज्य में बिजली कंपनियों का घाटा एक लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। राजस्थान में 300 यूनिट से ऊपर बिजली 7.65 रुपये प्रति यूनिट मिलती है। ये योजना अब सरकार के गले की फांस बनती जा रही है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और अपनी पार्टी ने जीत के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का फार्मूला तो पकड़ लिया लेकिन पैसा कहां से आएगा, इसका कोई जिक्र नहीं किया। इस सालाना एक हजार करोड़ रुपये के आर्थिक बोझ की भरपाई किन मदों से होगी, इसका कोई भी विवरण तीनों में से किसी भी पार्टी के घोषणापत्र में नहीं है।

प्रदेश में बिजली पैदा करने के स्रोत कम हैं। जो हैं, उनका भी सही से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। जिस प्रदेश में पहले से 5 से 6 हजार करोड़ रुपये की देनदारी बिजली की है, वहां निशुल्क बिजली देने का वादा कैसे पूरा होगा। हमने अपने पड़ोसी राज्य पंजाब और राजधानी दिल्ली का हाल देखा है। वहां निशुल्क बिजली तो है, लेकिन 4 से 5 घंटे ही मिलती है। 

पंजाब में बिजली की दरें
शून्य से 100 यूनिट - 4 रुपये 29 पैसा
101-300 यूनिट -6 रुपये 6 पैसा
300 यूनिट से ऊपर -7 रुपये 75 पैसा
हर महीने 300 यूनिट निशुल्क बिजली
बोझ- हर महीने 4 हजार करोड़

दिल्ली में बिजली दर
200 यूनिट- 3 रुपये
200 से 400 यूनिट-4 रुपये 50 पैसा
यूनिट निशुल्क-200
बोझ- हर महीने 3535 करोड़

जम्मू-कश्मीर बिजली दर
99 यूनिट तक- 1 रुपये 20 पैसा
100-199 यूनिट -1 रुपये 90 रुपये
200 यूनिट से ऊपर- 4 रुपये
बोझ- हर महीने 5 से 6 हजार करोड़

Follow  RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.