जम्मू-कश्मीर में दो किलोमीटर के दायरे में होंगे मतदान केंद्र, न्यूनतम सुविधाएं होंगी सुनिश्चित
कुछेक जगहों पर जहां यह संभव नहीं होगा, वहां मतदाताओं के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। प्रदेश में 11 हजार से अधिक मतदान केंद्र और नौ हजार से अधिक लोकेशन हैं। सभी केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाएं मिलेंगी।
जम्मू (आरएनआई) भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में सभी मतदान केंद्र दो किलोमीटर के दायरे में होंगे। कुछेक जगहों पर जहां यह संभव नहीं होगा, वहां मतदाताओं के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। प्रदेश में 11 हजार से अधिक मतदान केंद्र और नौ हजार से अधिक लोकेशन हैं। सभी केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाएं मिलेंगी।
जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर आई चुनाव आयोग की टीम के समक्ष राजनीतिक दलों ने पिछले लोकसभा चुनाव के अनुभव के आधार पर सभी मतदान केंद्रों को दो किलोमीटर के दायरे में रखने की मांग को प्रमुखता से उठाया है। सीईसी ने बताया कि न्यूनतम सेवाओं में मतदान केंद्रों पर पीने का पानी, बैठने की जगह, शौचालय, शेड (जहां जरूरत है), दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधाएं, व्हीलचेयर आदि उपलब्ध होगी।
श्रीनगर में गत दिवस मिले नौ राजनीतिक दलों ने इस बात पर भी एतराज जताया कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में मतदान से ठीक एक दिन पहले सुरक्षा का तर्क देकर कई मतदान केंद्रों का विलय कर दिया गया, जिससे मतदाताओं को काफी परेशानी हुई। इस पर सीईसी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में अंतिम समय में कोई भी मतदान केंद्र का विलय नहीं किया जाएगा। दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के संसद में पारित होने के बाद ही प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया संभव हो पाई है।
आयोग ने साफ किया है कि विधानसभा चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होने चाहिए। इस प्रक्रिया में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिला उपायुक्तों, एसपी और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
आयोग ने कहा कि लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में भी राजनीतिक दलों को रैलियों के लिए ऑनलाइन अनुमति दी जाएगी। इसमें पहले आओ, पहले पाओ को तवज्जो मिलेगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अगर किसी राजनीतिक दल को किसी रैली की अनुमति मिली है तो बिना ठोस आधार के उसे अंतिम समय में मना नहीं किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन को स्पष्ट करना होगा।
चुनाव के दौरान हर हाल में आयोग लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित बनाने के लिए झूठी अफवाहों और खबरों पर कड़ा संज्ञान लेगा। इसके लिए संबंधित जिला प्रशासनों को ऐसी खबरों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए जनता के बीच स्पष्टीकरण देने को कहा है, ताकि ऐसी गलत सूचनाएं वायरल न हो पाएं। किसी भी जगह पुन: चुनाव की संभावना को शून्य बनाया जाएगा। इस चुनाव को एक त्योहार की तरह मनाया जाएगा।
लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी 85 से अधिक उम्र वाले मतदाताओं को घर से मतदान की सुविधा मिलेगी। इसके लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जाएंगे। हालांकि लोकसभा चुनाव के अनुभव से पता चलता है कि अधिकांश उम्रदराज मतदाता मतदान केंद्रों तक जाना चाहते थे, ताकि वे लोगों से मिल सकें।
दिल्ली, जम्मू, उधमपुर में विस्थापित मतदाताओं के लिए 26 मतदान केंद्र
कश्मीरी विस्थापित मतदाताओं के लिए दिल्ली, जम्मू और उधमपुर में विशेष 26 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव की तरह इस चुनाव में भी विस्थापित मतदाताओं को जम्मू और उधमपुर में फार्म-एम और सत्यापन नहीं करवाना होगा। यह व्यवस्था पहले ही खत्म कर दी गई है। जम्मू और उधमपुर में करीब 23000 ऐसे मतदाता हैं।
जम्मू कश्मीर में ड्रग्स (नशे) के बढ़ते चलन से भारत चुनाव आयोग चिंतित है। आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों को नशे के खिलाफ सख्ती से निपटने के लिए कहा है। इसमें सीमा पार और ड्रोन के माध्यम ने नशे की आपूर्ति पर कड़ाई से रोक लगाई जाएगी। आचार संहिता के लागू होने के साथ ही इसे और सख्ती से निपटा जाएगा। इसी तरह अवैध शराब पर भी नकेल कसी जाएगी।
चुनाव के दौरान जम्मू कश्मीर में क्रीटिकल बाॅर्डर चेक पोस्ट पर चौबीस घंटे सीसीटीवी से निगरानी को सुनिश्चित बनाया जाएगा। सभी मतदान केंद्रों पर भी मतदान के दौरान सीसीटीवी को सुनिश्चित बनाया जाएगा। जिन जगहों पर ऐसा संभव नहीं होगा वहां दूसरी उचित व्यवस्था की जाएगी। वेबकास्टिंग से चुनाव को निष्पक्ष व पारदर्शी बनाया जाएगा।
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