जम्मू कश्मीर: डोडा के परमाज में दिखे संदिग्ध, पुलिस और सेना ने चलाया तलाशी अभियान
डोडा के परमाज में दो संदिग्धों के देखे जाने की सूचना के बाद पुलिस और सेना की टीमों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। आतंकियों की तलाश की जा रही है।
डोडा (आरएनआई) जम्मू संभाग के जिला डोडा के परमाज में दो संदिग्धों के देखे जाने की सूचना है। जानकारी मिलते ही पुलिस और सेना की टीम मौके पर पहुंची। इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। एहतियात के लिए डोडा पुलिस ने परमाज में संपर्क मार्ग पर यातायात को भी कुछ समय के लिए निलंबित किया। सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान पूरी तैयारी के साथ पहाड़ और जंगल खंगाल रहे हैं।
एसएसपी डोडा जावेद इकबाल ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि परमाज क्षेत्र में दो संदिग्धों को देखा गया है। उसके बाद तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। फिलहाल अभी तक कोई हरकत दिखाई नहीं दी है, लेकिन आतंक रोधी अभियान जारी है।
चिनाब वैली के डोडा जिले में एक बार फिर आतंकवाद दस्तक दे रहा है। करीब-करीब 2005 तक आतंकवाद का गढ़ रहे डोडा जिले में अब 15 साल बाद फिर से वही माहौल बन रहा है। पिछले महीने भद्रवाह में संदिग्ध देखे गए, फिर बीते मंगलवार को छत्रगलां में आतंकियों ने सुरक्षाबलों के नाके पर हमला किया और बुधवार को गंदोह के टांटा गांव में गोलीबारी की।
गंदोह तहसील का टांटा गांव आतंकियों का गढ़ रहा है। टांटा, जोडा, होजा गांव में 1990 से 2005 तक यहां कुख्यात आतंकी रहे हैं। हालांकि कुछ ने आतंक का रास्ता छोड़ा है। मुठभेड़ स्थल वाले इलाके से लगते गांव खड़ंगल के एक निवासी ने बताया कि 2005 तक हम आतंक के साये में जीते थे। इसके बाद हालात में सुधार हुआ, 2005 में छिटपुट घटनाएं हुई, लेकिन अब फिर दहशत का माहौल बना है। गांव में पुलिस व आर्मी पहुंच गई है। वीडीजी सदस्यों को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
उधमपुर जिले के डुडू व बसंतगढ़ के जंगली इलाकों में सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन तेज करते हुए सुरक्षा कड़ी कर दी है। क्षेत्र में आने-जाने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है। इस क्षेत्र में करीब 23 पूर्व आतंकी हैं, जो जेलों में सजा काटकर आए हैं।
बसंतगढ़ के चोचरू गला में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना है, लेकिन इस क्षेत्र में घना जंगल होने के कारण आतंकी छिपकर बैठे हैं। हालांकि सुरक्षाबलों ने इलाके के सभी रास्तों की घेराबंदी कर रखी है, ताकि दहशतगर्द जहां से बाहर न जा सकें और उनका खात्मा किया जा सके।
एसडीपीओ रामनगर मंजीत सिंह ने बताया कि बसंतगढ़ क्षेत्र में रह रहे पूर्व आतंकियों को थाने में हाजिरी के लिए सुबह बुलाया जाता है और शाम को उन्हें छोड़ा जाता है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में 23 के करीब पूर्व आतंकी हैं, जो जेलों में सजा पूरी करके आए हैं। उन पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
डोडा के छत्रगलां और गंदोह के बलेसा के जंगली इलाकों में सेना, पुलिस और एसओजी संयुक्त तलाशी अभियान चला रही है। हालांकि अभी तक किसी भी आतंकी के पकड़े जाने की सूचना नहीं है, लेकिन आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की गई कुछ सामग्री पुलिस के हाथ जरूर लगी है। आतंकी घने जंगलों की आड़ ले रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ स्थलों पर तीन से चार आतंकी छिपे होने की आशंका है।
मंगलवार की देर रात छत्रगलां में भद्रवाह-पठानकोट हाईवे पर सेना और पुलिस के संयुक्त नाके व चेक पोस्ट पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। इसमें सेना के पांच जवान व एक एसपीओ घायल हो गया। लगभग एक घंटा चली मुठभेड़ के दौरान आतंकी अंधेरे की आड़ में जंगलों में छिप गए।
इसके बाद बुधवार रात करीब नौ बजे छत्रगलां से 50 से 60 किलोमीटर की दूरी पर डोडा के गंदोह के बलेसा इलाके में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया। इसमें भी एक एसओजी का जवान घायल हुआ है। गंदोह इलाके में मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों को आतंकियों द्वारा की गई फायरिंग के खोखे, दिशा का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कंपास और एक तौलिया बरामद हुआ है।
दोनों मुठभेड़ स्थलों पर आतंकियों की तलाश के लिए ड्रोन, हेलीकॉप्टर सहित खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। सूत्रों के अनुसार, गंदोह में बरामद हुए गोलियों के खोखे रियासी के पौनी में श्रद्धालुओं पर की गई फायरिंग के बाद बरामद हुए खोखो से मेल खाते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कठुआ, रियासी व डोडा में मौजूद आतंकियों के पास एक ही किस्म के हथियार हैं। जिसमें एम4 राइफल भी शामिल है।
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