जम्मू-कश्मीर : खौफ नहीं अब आजाद हैं परिंदे, अब शाम ढलते ही घरों के भीतर नहीं दुबकते बाशिंदे

श्रीनगर में दिन की धूप हल्की होकर गुनगुनी रह गई है। लेकिन, शाम को ओस गिरने से लोग शॉल व स्वेटर में भी दिखने लगे हैं। यहां मौसम का मिजाज ठंड की ओर बढ़ रहा है, लेकिन सियासी माहौल गर्माने लगा है। पहले चरण के मतदान के उत्साह के बाद सियासी दिग्गज इस ओर रुख कर चुके हैं। बदलाव की कहानी लिख रहे कश्मीर में कुछ वर्ष पहले बाशिंदे शाम पांच बजे के बाद घरों में दुबक जाते थे। अनहोनी की आशंका में बेचैन रहते थे। आज, शहर आधी रात तक गुलजार रहता है। बेटोक-बेखौफ आवाजाही हो रही है। 

Sep 20, 2024 - 06:00
 0  243
जम्मू-कश्मीर : खौफ नहीं अब आजाद हैं परिंदे, अब शाम ढलते ही घरों के भीतर नहीं दुबकते बाशिंदे

श्रीनगर (आरएनआई) श्रीनगर में दिन की धूप हल्की होकर गुनगुनी रह गई है। लेकिन, शाम को ओस गिरने से लोग शॉल व स्वेटर में भी दिखने लगे हैं। यहां मौसम का मिजाज ठंड की ओर बढ़ रहा है, लेकिन सियासी माहौल गर्माने लगा है। पहले चरण के मतदान के उत्साह के बाद सियासी दिग्गज इस ओर रुख कर चुके हैं। बदलाव की कहानी लिख रहे कश्मीर में कुछ वर्ष पहले बाशिंदे शाम पांच बजे के बाद घरों में दुबक जाते थे। अनहोनी की आशंका में बेचैन रहते थे। आज, शहर आधी रात तक गुलजार रहता है। बेटोक-बेखौफ आवाजाही हो रही है। 

ऐतिहासिक लालचौक से सटा महशमा इलाका पत्थरबाजी के लिए, जबकि घंटाघर आजादी के समर्थन में निकाली जाने वाली रैलियों के लिए सुर्खियों में रहा करता था। यह इलाका कई मुठभेड़ों का भी गवाह रहा है। प्रताप पार्क के सामने एक बड़ी दुकान में पत्नी और पोते-पोतियों के साथ इटैलियन ब्रांड की आइसक्रीम खाने आए 76 वर्षीय जफर मीर बताते हैं कि कभी आतंक के समर्थकों ने लाल चौक पर पाकिस्तान का झंडा फहरा दिया था। आज लाल चौक हो या पास का प्रताप पार्क...तिरंगा लहरा रहा है। रेजिडेंसी रोड से लेकर लाल चौक व उसके चारों ओर सटी दुकानें सैलानियों, खरीदारों से भरी हुई हैं। प्रताप पार्क शाम से ही विद्यार्थियों, जोड़ों और बुजुर्गों से भर जाता है। जगह-जगह सेल्फी ली जा रही है और लोग आपस में गप्पें मारते नजर आ रहे हैं। जिन इलाकों में शाम होते ही सन्नाटा छा जाता था, आज वह जगमग और सैलानियों की आवाजाही से आधीरात तक गुलजार दिखता है। संगीनों के साथ मुस्तैद जवानों ने स्थानीय लोगों में निर्भय होने का भाव भर दिया है। वे जिंदगी का फिर से लुत्फ उठा रहे हैं।

डल झील इलाका देर रात तक सैलानियों से पटा रहता है। हाउसबोट संचालक 75 वर्षीय गुलाम मुहम्मद कहते हैं, इस बार जितने टूरिस्ट आए, पहले कभी नहीं देखा। लोग हाउसबोट में रात गुजार रहे हैं। हाउसबोट में 4000-5000 रुपये में परिवार समेत रुक सकते हैं। झील के किनारे पानी-पूरी खिला रहे बिहार के रजनीश कहते हैं, माहौल बदलने से खूब पर्यटक आ रहे हैं, कमाई भी खूब हो रही है। चुनाव को लेकर कहते हैं कि लड़ाई पुराने परिवारों में ही रहेगी। 

डाउन-टाउन इलाके की जामिया मस्जिद कभी अलगाववादी विचारधारा को प्रचारित करने का मंच हुआ करती थी। नमाज के पहले तक शांत नजर आने वाले इलाके में पत्थरबाजी व बवाल कैसे फैल जाता था, इसकी कहानी बताते हुए स्थानीय लोग लाल हो जाते हैं। मस्जिद के ठीक सामने दुकानों की लाइन है। आजाद एंड संस पर मिले एजाज खलीक कहते हैं...अब हालात बदले हैं। कामकाज में तेजी भले न हो, पर शांति जरूर है। चुनाव पर कहते हैं, लोग बदलाव चाहते हैं। लेकिन, कश्मीर मसले को लेकर भावनाएं वैसे ही रहेंगी। समाधान केवल बातचीत से ही हो सकता है।

श्रीनगर में अफसर, कारोबारी, दुकानदार, स्थानीय पत्रकार या आम आदमी, ऑन कैमरा कुछ भी नहीं बोलना चाहता। डर है कि कैमरे या वीडियो पर कही किसी बात से न जाने कौन, कब नाराज हो जाए और खामियाजा भुगतना पड़े। जब आश्वस्त हो जाते हैं कि रिकॉर्डिंग नहीं हो रही तो, अलगाववाद से आतंकवाद, सियासत से सरकार, फारुक अब्दुल्ला से राजीव गांधी और मुफ्ती मोहम्मद सईद से महबूबा मुफ्ती तक के किस्से टेप रिकॉर्डर की तरह सुनाना शुरू कर देते हैं। यहां के लोग चुनी हुई सरकार के लिए बेचैन हैं। लोगों के पास एलजी राज में अफसरशाही की मनबढ़ई के अलग-अलग किस्से हैं, तो उलाहना भी है। सबसे बड़ी बात यह कि वे विकास वैसा ही चाहते हैं, जैसे अभी हो रहा है।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2 

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.