जमीन की खबर का जिन्न बोतल से फिर बाहर निकला, राजपत्र में नेशनल पार्क को आवंटित जमीन को कर दी निजी स्वामित्व की भूमि, कंपनी ने बिना एनओसी काम शुरू किया

सोलर प्लांट जमीन घोटाले में लोकायुक्त द्वारा 10 नामजद लोगों पर एफआइआर दर्ज करने के बाद जमीन की खरीद-फरोख्त में हुआ बड़ा घोटाला सामने आया है।  ठेकेदार के साथ सरकारी अधिकारियों ने मिलकर करोड़ों रुपये की एक हजार बीघा जमीन की खरीदी में घोटाला किया है।  शिवपुरी के नगरीय क्षेत्र से लगे चंदनपुरा व विनेगा की भूमि राजपत्र में नेशनल पार्क को आवंटित जमीन को कर दी निजी स्वामित्व की भूमि, कंपनी ने बिना एनओसी काम शुरू किय इन पर दर्ज हुई है एफआइआर

Apr 13, 2025 - 19:14
Apr 13, 2025 - 19:15
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जमीन की खबर का जिन्न बोतल से फिर बाहर निकला, राजपत्र में नेशनल पार्क को आवंटित जमीन को कर दी निजी स्वामित्व की भूमि, कंपनी ने बिना एनओसी काम शुरू किया

शिवपुरी (आरएनआई) लोकायुक्त ने अशोक कुमार वरिष्ठ उप पंजीयक महेंद्र सिंह कौरव उप पंजीयक कार्यालय शिवपुरी, प्रदीप सिंह तोमर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी शिवपुरी, रोहित रघुवंशी पूर्व नायब तहसीलदार तहसील शिवपुरी, जीएस बेरवा पूर्व नायब तहसीलदार शिवपुरी, नितेंद्र श्रीवास्तव प्रभारी नायब तहसीलदार, शारदा पाठक नायब तहसीलदार, अमृता शर्मा पटवारी हल्का चिटोरा तहसील, सत्येंद्र सिंह सेंगर और सुनील बोरा प्रतिनिधि सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड जयपुर राजस्थान के विरुद्ध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 व भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी का प्रकरण पंजीबद्ध कर किया गया।

सोलर प्लांट जमीन घोटाले में लोकायुक्त द्वारा 10 नामजद लोगों पर एफआइआर दर्ज करने के बाद जमीन की खरीद-फरोख्त में हुआ बड़ा घोटाला सामने आया है। ठेकेदार के साथ सरकारी अधिकारियों ने मिलकर करोड़ों रुपये की एक हजार बीघा जमीन की खरीदी में घोटाला किया है। शिवपुरी के नगरीय क्षेत्र से लगे चंदनपुरा व विनेगा की भूमि से संबंधित 8 रजिस्ट्रियां यहां भूमि क्रेता शिवयोग इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के हक में संपादित की गई। पंजीयकृत भूमि में से रजिस्ट्री क्रमांक एमपी 3929229171565744 की भूमि संचित है, जबकि शेष 7 रजिस्ट्रियों वाली भूमि सिंचित है।


रजिस्ट्री अभिलेख के भीतर सभी भूमियां सिंचित होना उल्लेखित किया गया है। जांच में यह तथ्य सामने आया कि रजिस्ट्रार कार्यालय के सब रजिस्ट्रार अशोक कुमार श्रीवास्तव, महेंद्र सिंह कौरव द्वारा कंपनी को को लाभ पहुंचाए जाने की दृष्टि से सिंचित भूमि को असिंचित बताकर उनकी रजिस्ट्रियां कर दीं। शासन को राजस्व हानि पहुंचाई। इसके चलते इनके विरुद्ध लोकायुक्त पुलिस ने मामला संज्ञान में लिया। इस संबंध में उच्च स्तरीय प्रशासनिक जांच भी हुई है। कमिश्नर एमबी ओझा की रिपोर्ट भी इसमें जांच की जद में आती दिखाई दे रही है, क्योंकि इसमें राजपत्र में दर्ज माधव नेशनल पार्क की जमीन को निजी भूमि माना है।

एफआइआर में दर्ज जानकारी के अनुसार वन संरक्षक व डायरेक्टर माधव राष्ट्रीय उद्यान ने कई चीजें बताई हैं। इन रजिस्ट्रियों में दर्ज सर्वे की भूमि का सर्वे नंबर 1225 है। इस पूर्व खसरा क्रमांक 404 व 405 है। शिवपुरी कलेक्टर के पत्र संख्या 8 मई 1958 के 11102/1958 द्वारा माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी को आवंटित किए जाने से यह भूमि माधव नेशनल पार्क की सीमा से 2 किलोमीटर के अंदर होकर माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी के अधिसूचित इको सेंसेटिव जोन की 2 किलोमीटर सीमा के अंदर होना मध्य प्रदेश शासन के राजपत्र में भी घोषित किया गया जा चुका था। यह भूमि भारत सरकार के राजपत्र में अधिसूचना भी 13 सितंबर 2017 को प्रकाशित हो गई थी। उप पंजीयक द्वारा रजिस्ट्री के दौरान इस तथ्य को सत्यापित ना कराते हुए नेशनल पार्क की भूमि की रजिस्ट्रीयां कर दी गईं।

_इस तरह हुई हेराफेरी_

शासन के नियमानुसार किसी भी कृषि भूमि का स्वरूप बिना डायवर्शन के नहीं बदल सकते हैं। इस भूमि का उपयोग व्यवसायिक रूप से किया जाकर काम प्रगतिरत है। सीलिंग का परीक्षण नामांतरण से पूर्व किया जाता है। तहसीलदार ने इस नियम को अनदेखा किया और ग्राम चिटौरा में सर्वे नंबर 1225 पर बिना डायवर्शन सोलर कंपनी काम करती है जिसमें 328 बीघा जमीन वन भूमि में आती है।

विवादित विक्रित भूमि पर कोठी और ट्यूबवेल है जिसकी स्टांप ड्यूटी जमा नहीं की गई है।

सोलर प्लांट स्थापित होने से पूर्व शिवपुरी तहसीलदार नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर निर्माणाधीन सोलर प्लांट कहां लगाया जा रहा है यह तय किया गया। उस समय भी यह भूमि माधव राष्ट्रीय उद्यान के अधिसूचित इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत आती थी। मुख्य वन संरक्षक व संचालक माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी ने बताया कि यह भूमि खसरा क्रमांक 1225 पूर्व खसरा क्रमांक 404 व 405 माधव राष्ट्रीय उद्यान को आवंटित भूमि है। उक्त खसरे की भूमि पार्क की सीमा के अंदर है और इको सेंसेटिव जोन की 2 किलोमीटर की सीमा के भीतर स्थित है इस संबंध में भारत सरकार के राजपत्र में अधिसूचना भी 13 सितंबर 2017 को प्रकाशित हो गई थी।

अनुविभागीय अधिकारी प्रदीप तोमर द्वारा विवादित भूमि का डायवर्सन कर दिया गया। तहसीलदार ने बताया कि डायवर्सन पंचायत उपकर भू भाटक सहित 6687008 रुपए अगस्त 2019 को जमा कराए गए। जबकि यह भूमि व्यावसायिक प्रयोजन के लिए विक्रय की जा रही थी ऐसे में भूभाटक व्यावसायिक दर से लगना था मगर भूकारोबारियों से मिली भगत कर कम दर बसूली गई।

एसईआइ सोलरवाना पावर लिमिटेड को वन विभाग द्वारा सोलर सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया था बावजूद इसके यहां सोलर प्लांट का काम प्रारंभ किया गया।

कमिश्नर की रिपोर्ट पर इसलिए उठे सवाल

ग्वालियर के तत्कालीन कमिश्नर एमबी ओझा ने मध्यप्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव पी श्रीवास्तव को 13 जनवरी 2020 में चटोरा की सर्वे नंबर 1225 की भूमि को लेकर एक अर्ध शासकीय पत्र लिखा था। पत्र में शिवपुरी कलेक्टर के जांच प्रतिवेदन का हवाला देकर यह कहा गया कि कलेक्टर शिवपुरी द्वारा ग्राम चिटौरा की वन और राजस्व भूमि के विवाद के संबंध में समिति गठित कर जांच कराई गई। ग्राम चिटौरा के सर्वे 1225 का मौका स्थल जांच प्रतिवेदन तैयार किया गया। प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया है माधव नेशनल पार्क के मानचित्र अनुसार राजस्व मानचित्र व वन मानचित्र को डिजिटल मिलान करने पर सर्वे क्रमांक 1225 माधव राष्ट्रीय उद्यान के रिजर्व फॉरेस्ट 13 के अंतर्गत प्रदर्शित हो रहा है, इस संबंध में वन विभाग व माधव राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों द्वारा कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए। जांच समिति द्वारा यह निष्कर्ष पाया गया कि वर्तमान में शासकीय अभिलेख खसरा वर्ष 2019 में ग्राम चटोरा के नक्शे में सर्वे क्रमांक 1225 भूमि स्वामी स्वत्व की भूमि दर्ज है उक्त भूमि वन विभाग की नहीं है। सर्वे नंबर 1225 की भूमि के संबंध में वन संरक्षक कार्यालय यह पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि यह भूमि कलेक्टर के आदेश क्रमांक 11102 दिनांक 8 मई 1958 द्वारा नेशनल पार्क को आवंटित की जा कर इस भूमि के माधव राष्ट्रीय उद्यान के अधिसूचित इको सेंसेटिव जोन की 2 किलोमीटर सीमा के अंदर स्थित होने के संबंध में भारत सरकार के राजपत्र में अधिसूचना भी 13 सितंबर 2017 को प्रकाशित हो गई थी।

इन पर दर्ज हुई है एफआइआर

लोकायुक्त ने अशोक कुमार वरिष्ठ उप पंजीयक महेंद्र सिंह कौरव उप पंजीयक कार्यालय शिवपुरी, प्रदीप सिंह तोमर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी शिवपुरी, रोहित रघुवंशी पूर्व नायब तहसीलदार तहसील शिवपुरी, जीएस बेरवा पूर्व नायब तहसीलदार शिवपुरी, नितेंद्र श्रीवास्तव प्रभारी नायब तहसीलदार, शारदा पाठक नायब तहसीलदार, अमृता शर्मा पटवारी हल्का चिटोरा तहसील, सत्येंद्र सिंह सेंगर और सुनील बोरा प्रतिनिधि सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड जयपुर राजस्थान के विरुद्ध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 व भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी का प्रकरण पंजीबद्ध कर किया गया।

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