जब PM रूस-यूक्रेन युद्ध रोक सकते हैं, तो विनेश को न्याय क्यों नहीं दिला सकते? कांग्रेस ने पूछा सवाल
ओलंपिक में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के स्वर्ण पदक से पहले मैच के लिए अयोग्य घोषित किए जाने को लेकर देश में रोष है। वहीं कांग्रेस ने केंद्र पर हमला बोलते हुए पूछा कि जब पीएम मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध रोक सकते हैं, तो विनेश को न्याय क्यों नहीं दिला सकते?
नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को आरोप लगाया कि पहलवान विनेश फोगाट एक षड्यंत्र का शिकार हुई हैं और सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध को रोक सकते हैं, तो वह भारतीय पहलवान के लिए न्याय क्यों नहीं सुनिश्चित कर सकते। बता दें कि विनेश फोगाट ने मंगलवार रात को अपने वर्ग में स्वर्ण पदक मुकाबले में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रच दिया था। आज सुबह से पहले, उन्हें कम से कम रजत पदक मिलना तय था, लेकिन अब अयोग्यता के कारण वह खाली हाथ आएंगी।
वहीं एआईसीसी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि फोगाट ने सात घंटे के भीतर प्री-क्वार्टर, क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल जीतकर पेरिस ओलंपिक में देश का तिरंगा फहराया। उन्होंने कहा कि- विश्व कुश्ती स्वर्ण पदक विजेता युई सुसाकी, जो पिछले 82 मुकाबलों में एक बार भी नहीं हारी थी, उसे भारत की बेटी ने हरा दिया और भारत का झंडा लहरा दिया। विनेश फोगाट कुश्ती के मैदान पर नहीं हारी, बल्कि साजिश की राजनीति से हारी। उसे खेल की राजनीति की बलि चढ़ा दिया गया।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मंगलवार को देश का हर नागरिक ऐसे जश्न मना रहा था, जैसे उसकी अपनी बेटी जीत गई हो। लेकिन सत्ताधारी पार्टी, खेल मंत्री, प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनेश फोगाट को बधाई देने से बच रहे थे। उन्होंने कहा, वे कौन लोग हैं जो विनेश फोगाट की जीत को पचा नहीं पाए और जिन्होंने उनकी पीठ में छुरा घोंपा? क्या हमारे अपने लोगों को उनके पदक से कोई परेशानी है। सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों ने खिलाड़ियों के हारने पर उनका उत्साहवर्धन किया, लेकिन फोगाट के एक दिन में तीन मुकाबले जीतने पर ऐसा नहीं किया। कांग्रेस नेता ने कहा, जब वह हार गईं, तो प्रधानमंत्री और मंत्रियों ने सहानुभूति के ट्वीट पोस्ट करना शुरू कर दिया। हमें सहानुभूति नहीं चाहिए, हमें न्याय चाहिए। उन्होंने पूछा कि भारतीय कुश्ती महासंघ और सरकार चुप क्यों हैं और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के दरवाजे क्यों नहीं खटखटा रहे हैं। खेल मंत्री यहां क्यों हैं और पेरिस में क्यों नहीं हैं।
सुरजेवाला ने पूछा कि जो प्रधानमंत्री यूक्रेन-रूस युद्ध को रोक सकते हैं, वे फोगाट के लिए न्याय क्यों नहीं दिला सकते। कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके साथ मौजूद अधिकारी क्या कर रहे थे, क्योंकि नियम के अनुसार अगर कोई खिलाड़ी चोट के कारण खेल से हटता है, तो वह जीता हुआ पदक अपने पास रख लेता है। उन्होंने कहा, उन्होंने वजन की जांच की होती और अगर वजन ज्यादा होता तो वे उसे पदक बचाने के लिए चोट के कारण हटने की सलाह दे सकते थे। वहीं सुरजेवाला ने संसद में खेल मंत्री मनसुख मंडाविया के उस बयान की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी ट्रेनिंग पर लाखों खर्च किए गए।
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