जनसुनवाई में आत्मदाह का प्रयास, अब युवक ने खुद पर पेट्रोल डाला, 6 महिलाओं ने छिड़का केरोसिन
ग्वालियर। ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में आज एक बार फिर हडकंप मच गया, अपनी समस्या लेकर पहुंचे एक युवक ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाने का प्रयास किया उसके साथ मौजूद 6 महिलाओं ने भी आत्मदाह का प्रयास किया लेकिन जनसुनवाई में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने इन सभी को रोक लिया और किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हो पाई।
ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में पिछले मंगलवार जैसा ही घटनाक्रम आज फिर हो गया, आज मंगलवार 17 जनवरी को जनसुनवाई शुरू हुई, लोग अपनी समस्या लेकर आ रहे थे और प्रशासन के अधिकारी उसके निराकरण के निर्देश दे रहे थे, तभी अचानक एक युवक ने खुद पर पेट्रोल डाल लिया और आत्मदाह का प्रयास करने लगा।
युवक के ऐसा करते ही जनसुनवाई कक्ष में हडकंप मच गया, युवक के पास मौजूद लोगों ने देखा तो उसे पकड़ने का प्रयास किया तभी वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने युवक को पकड़ लिया उसके हाथ से पेट्रोल की बोतल छीनी, वो कुछ अप्रिय कर पाता उससे पहले ही उसे जनसुनवाई कक्ष ने बाहर कर दिया। कहा जा रहा है कि युवक के साथ आई करीब 6 महिलाओं ने भी खुद पर केरोसिन डालकर आत्मदाह का प्रयास किया लेकिन उन्हें भी रोक लिया गया।
प्रशासन के मुताबिक कदम सिंह जाटव सहित अन्य कई लोगों को सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के चलते हटाया गया था क्योंकि उस जगह पर जिला पंचायत भवन बनाया जाना था, इन सभी को मानवीय आधार पर केदारपुर क्षेत्र में पट्टे दिए गए, लेकिन ये लोग वहां जाना नहीं चाहते और जिला पंचायत भवन के बेसमेंट में अस्थाई रूप से कब्ज़ा किये हुए हैं।
आत्महत्या का प्रयास करने वाली महिला गीता मौर्य ने कहा कि 10 महीने पहले हमारा घर तोड़ दिया, हमारे इंदिरा आवास भी तोड़ दिए, अब हम जहाँ रह रहे हैं वहां प्रशासन के लोग पहुंचकर धमकी दे रहे हैं, अब ऐसे में हम क्या करें, ये भीख मंगवाने की चेतावनी दे रहे हैं तो इससे अच्छा है हम मर ही जाएँ, इसलिए मिटटी का तेल डालकर आत्महत्या का प्रयास किया है। गीता ने कहा कि जिस जगह पट्टे दिए हैं वो जमीन सुरक्षित नहीं है हमें अच्छी जगह जमीन दी जाये।
गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले पिछले जनसुनवाई में 10 जनवरी को सुनीता आदिवासी नमक महिला ने ठीक इसी तरह आत्मदाह का प्रयास किया था, सुनीता ने जनसुनवाई कक्ष में खुद पर केरोसिन (मिटटी का तेल) डाल लिया था लेकिन उसे वहां मौजूद एसडीएम सीबी प्रसाद ने पकड़ लिया था और सुरक्षा कर्मियों की मदद से जनसुनवाई कक्ष के बाहर कर दिया।
आपको बता दें कि सुनीता इस बात से नाराज थी कि वो मोगिया जाति से है जो आदिवासी है, प्रशासन ने पहले उसका ST का जाति प्रमाणपत्र बनाया था फिर निरस्त कर दिया फिर SC का जाति प्रमाणपत्र बनाने के लिए कह रहे हैं, सुनीता के साथ करीब 50 आदिवासी महिलाएं थी जिनके साथ यही समस्या थी, इस मामले में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को राज्य मानव अधिकार आयोग नोटिस थमा चुका है।
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