जनपद शाहजहांपुर के भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई प्रेक्षा गृह में "विद्यार्थी एवं स्मार्टफोन : सोशल मीडिया का प्रयोग
शाहजहांपुर, (आरएनआई) जनपद शाहजहांपुर के भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई प्रेक्षा गृह में "विद्यार्थी एवं स्मार्टफोन : सोशल मीडिया का प्रयोग, सार्थकता, दुष्प्रभाव एवं बचाव" विषय पर कार्यशाला मुख्य अतिथि श्रीमती सौम्या अग्रवाल, आयुक्त,बरेली मंडल, बरेली की अध्यक्षता में संपन्न हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ किया गया | बच्चों ने श्रीमती सौम्या अग्रवाल को बुके देकर सम्मानित किया। ऑडिटोरियम में उपस्थित छात्रों तथा उनके अभिभावकों को स्मार्टफोन के अधिक उपयोग करने से होने वाली हानि के विषय में जानकारी दी गई। ऑडिटोरियम में उपस्थित अधिकारियों, शिक्षकों तथा मनोचिकित्सकों द्वारा इस संबंध में अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए गए।
आयुक्त महोदया श्रीमती सौम्या अग्रवाल ने कहा कि अभिभावकों को सोशल मीडिया तथा मोबाइल के अतिशय उपयोग के दुष्परिणामों से सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रत्येक स्कूल में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल के गठन हेतु निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन तथा अभिभावक मिलकर ही इस समस्या से निपट सकते हैं। इस समस्या से सामूहिक रूप से ही निपटा जा सकता है। इसके लिए व्यापक जागरूकता भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शहर को सेफ सिटी बनाने में यह एक महत्वपूर्ण पहल होगी। उन्होंने कहा कि इस पर ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस परिचर्चा को जमीनी स्तर पर उतारने की आवश्यकता है।
पुलिस महानिदेशक, बरेली परिक्षेत्र, बरेली डॉ राकेश सिंह ने कहां की हमें मोबाइल तथा इंटरनेट के सदुपयोग पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे चैट जी पी टी इत्यादि के कारण बच्चों में क्रिएटिविटी समाप्त होती जा रही है, शिक्षकों तथा अभिभावकों को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने कहा की बच्चों पर मोबाइल तथा इंटरनेट के गंभीर नकारात्मक प्रभाव पडते हैं। डीएम ने कहा कि अत्यधिक इंटरनेट के इस्तेमाल के कारण बच्चों में मौलिक विचारशीलता खत्म हो रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को भी इस संबंध में अनुशासित रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि काम के प्रति ईमानदार व्यक्ति कभी किसी लत का शिकार हो ही नहीं सकता।
पुलिस अधीक्षक, शाहजहांपुर अशोक कुमार मीणा ने कहा कि हमें मोबाइल तथा इंटरनेट के दोनों पहलुओं पर विचार करना चाहिए। एक तरफ जहां इसके दुष्परिणाम है तो दूसरी तरफ इसका उपयोग कई सकारात्मक कार्यों के लिए भी किया जा सकता है। उन्होंने प्रिडिक्टिव साइकोलॉजी तथा साइबर बुलिंग जैसी गंभीर समस्याओं पर चर्चा की।
मुख्य विकास अधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने कार्यशाला का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों को सोशल मीडिया के एडिक्शन से बचाने की जरूरत है। सोशल मीडिया तथा मोबाइल उपयोग के एडिक्शन के दूरगामी परिणामों की भी चर्चा उन्होंने की। इससे बचाव के उपाय के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि घर में डिवाइस डाइवर्सिटी तथा जीवन में एक्टिविटी डाइवर्सिटी को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में या संभव नही की मोबाइल तथा इंटरनेट के उपयोग को बिल्कुल बंद कर दिया जाए, हमें चाहिए कि टाइम बाउंड तरीके से इनका उपयोग करें।
इस संबंध में डॉक्टर अभिषेक चक्रधर तथा डॉक्टर पूनम यादव ने भी अपने सुझाव दिए। डॉ पूनम यादव ने बच्चों को सामाजिक स्किल सीखने की हिदायत दी। डॉ अभिषेक चक्रधर ने मस्तिष्क के रिवॉर्ड सिस्टम के विषय में बताया। उन्होंने समझाया कि किस प्रकार मस्तिष्क में स्रावित होने वाले डोपामिन से सोशल मीडिया तथा मोबाइल उपयोग करने की लत पड़ जाती है। इस विषय पर ऑडिटोरियम में एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।
कार्यशाला समाप्त होने के उपरांत आयुक्त महोदया ने वन यू पी, वन कार्ड योजना के तहत इलेक्ट्रिक बस के स्मार्ट मोबिलिटी कार्ड का वितरण किया। उन्होंने कुछ स्कूली बच्चों को लैपटॉप का भी वितरण किया। इसके पश्चात आयुक्त महोदया तथा समस्त अधिकारियों ने ऑडिटोरियम से लेकर रिलायंस गेस्ट हाउस तक का सफर इलेक्ट्रिक बस में सवार होकर तय किया।
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