'जनता के दबाव, कोर्ट की जांच के दबाव के कारण लिया फैसला', बीरेन सिंह के इस्तीफे पर बोले राहुल गांधी
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को जनता, सुप्रीम कोर्ट और कांग्रेस की ओर बढ़ते दबाव के कारण इस्तीफा देना पड़ा है। कांग्रेस नेता ने बीरेन सिंह पर राज्य में हिंसा भड़काने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में पद पर बने रहने देने का भी आरोप लगाया।
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नई दिल्ली (आरएनआई) सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा, करीब दो साल तक भाजपा के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मणिपुर में विभाजन भड़काया। मणिपुर में हुई हिंसा, जानमाल के नुकसान और भारत के विचार (आइडिया ऑफ इंडिया) के नष्ट होने के बावजूद पीएम मोदी ने उन्हें पद पर बने रहने की अनुमति दी। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि बीरेन सिंह का इस्तीफा दिखाता है कि बढ़ते जनता के दबाव, सु्प्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव एक ज्वालामुखी तरह फूट पड़ा है।
उन्होंने आगे पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए उनसे मणिपुर का दौरा करने का आग्रह किया। राहुल गांधी ने कहा, सबसे जरूरी काम राज्य में शांति बहाल करना और मणिपुर के लोगों के जख्मों को भरना है। पीए मोदी को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए, लोगों की बात सुननी चाहिए और सामान्य स्थिति लाने के लिए अपनी योजना का खुलासा करना चाहिए।
मणिपुर में करीब 20 महीनों से जारी हिंसा के बीच मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने आज राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को राजभवन में अपना इस्तीफा सौंपा। इस दौरान उनके साथ भाजपा अध्यक्ष ए. शारदा, भाजपा के पूर्वोतर के मणिपुर प्रभारी संबित पात्रा और 19 विधायक भी मौजूद थे।
अपने इस्तीफे में बीरेन सिंह ने कहा, अब तक मणिपुर की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात रही। उन्होंने केंद्र सरकार का आभार जताया और कहा, मैं केंद्र सरकार का आभारी हूं, जिसने समय पर कार्रवाई की, हस्तक्षेप किया, विकास कार्य किए और मणिपुर के हर नागरिक के हितों की रक्षा की।
मणिपुर मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा 3 मई, 2023 को उस समय शुरू हुई थी, जब आदिवासी छात्रों के एक संगठन ने मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद रैली आयोजित की थी। हाईकोर्ट के आदेश में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसीटी) की सूची में शामिल करने का निर्देश दिया गया था।
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