जगन्नाथ मंदिर के 'रत्न भंडार' को फिर से खोलने को लेकर मंथन
श्री जगन्नाथ मंदिर के 'रत्न भंडार' को फिर से खोलने और आभूषणों समेत कीमती वस्तुओं की सूची तैयार करने की निगरानी के लिए ओडिशा सरकार ने उच्च स्तरीय समिति गठित की है, जो मंदिर के खजाने को फिर से खोलने की तिथि तय करने के लिए 9 जुलाई को बैठक करेगी।
ओडिशा (आरएनआई) देश के चार धामों में से एक जगन्नाथ मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर में एक रत्न भंडार भी है, जिसमें जगन्नाथ मंदिर के तीनों देवता भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के गहने रखे गए हैं। जबकि कई राजाओं और भक्तों के भगवान को चढ़ाए गए जेवरात भी रत्न भंडार में रखे जाते हैं। इस रत्न भंडार में मौजूद जेवरात की कीमत अरबों में बताई जाती है।
मंदिर के रत्न भंडारे को फिर से खोलने को लेकर गठित उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने शनिवार को पुरी में समिति की पहली बैठक के बाद कहा कि मंदिर के खजाने को फिर से खोलने की तिथि तय करने के लिए 9 जुलाई को समिति बैठक करेगी।
समीति की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने कहा, कि उपलब्ध दस्तावेजों और रिकॉर्ड की जांच करने के बाद, यह पाया गया कि रत्न भंडार की एक डुप्लीकेट चाबी पुरी सरकार के खजाने में है। इसलिए, हमने रत्न भंडार को फिर से खोलने की तिथि तय करने के लिए 9 जुलाई को पैनल की एक और बैठक आयोजित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक और पैनल के सदस्य संयोजक को अगली बैठक में समिति के समक्ष रत्न भंडार की डुप्लिकेट चाबी पेश करने के लिए कहा गया है।
न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने आगे कहा कि मंदिर के खजाने का आंतरिक कमरा कई दशकों से नहीं खोला गया है, इसलिए दरवाजे का ताला काम नहीं कर रहा होगा। इसलिए, इसे ध्यान में रखते हुए, ऐसी स्थिति में ताला तोड़ने के लिए सरकार की मंजूरी से एक एसओपी तैयार की जाएगी। इस समिति ने पाया है कि खजाने में संग्रहित आभूषणों और अन्य मूल्यवान सामग्रियों को दूसरी जगह ले जाए बिना मरम्मत का काम शुरू नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मंदिर प्रबंध समिति को मरम्मत कार्य के दौरान आभूषणों और आभूषणों के उचित भंडारण पर निर्णय लेने के लिए कहा जाए।
न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने कहा कि एसओपी में आभूषणों समेत मूल्यवान वस्तुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के तुरंत बाद उनकी सूची बनाने का भी उल्लेख होगा। पिछली बार आभूषणों की सूची बनाने के लिए हैदराबाद और चेन्नई से विशेषज्ञों को बुलाया गया था। इसलिए, इस बार भी प्रबंध समिति तय करेगी कि जगन्नाथ मंदिर के आभूषणों की उचित सूची बनाने के लिए किसे लगाया जाएगा। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के मंदिर में लौटने से पहले वार्षिक रथ यात्रा के दौरान मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा और आभूषणों को दूसरी जगह ले जाने का काम पूरा हो जाएगा।
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