जंगल में मिले नर कंकाल का मामला: अंधे कत्ल का खुलासा, आरोपी को किया गिरफ्तार
गुना। 01 मार्च 2023 को जिले के मृगवास थाने की बाँसाहेड़ा चौकी क्षेत्र के ग्राम झीकनी तिराहा के पास जंगल में एक अज्ञात मानव कंकाल के पड़े होने की सूचना पुलिस को प्राप्त हुई थी ।
उक्त सूचना के मिलते ही पुलिस फोर्स तत्काल घटना स्थल पर पहुंचा, जहाँ पर पुलिस द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण करने पर घटना स्थल के आस-पास महिला के कपड़े, कंगन एवं चप्पल पड़ी हुईं मिलीं, जिस पर से मृगवास थाने पर मर्ग कायम कर जाँच में लिया गया एवं अज्ञात मानव कंकाल का गाँधी मेडीकल कॉलेज भोपाल में पी.एम. कराया गया, जिसमें उक्त अज्ञात मानव कंकाल 23 से 27 वर्ष के बीच की किसी महिला का होना पता चला।
नर कंकाल की पी.एम. रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात कंकाल के संबंध में निरंतर छानबीन की गई, जिससे अंतत: राजस्थान के बारां जिले के थाना पाली में 16 फरवरी 2023 को एक महिला पिंकी बाई पत्नि रामनारायण लोधा उम्र 25 साल निवासी ग्राम हान्याहेड़ी थाना पाली की गुमशुदगी दर्ज होना ज्ञात हुआ।
इसके बाद पुलिस द्वारा गुमशुदा पिंकी बाई के पति रामनारायण लोधा को तलब कर घटना स्थल पर मिली साड़ी, कंगन एवं चप्पल उसे दिखाए गये तो उसने उक्त कपड़े एवं सामान अपनी पत्नी पिंकी बाई के ही होना बताया ।
इन तथ्यों की पूर्ण पुष्टि हेतु उक्त अज्ञात मानव कंकाल एवं गुमशुदा पिंकीबाई के माता पिता का ब्लड सैम्पल का डी.एन.ए. परीक्षण कराया गया, जिसमें उक्त अज्ञात मानव कंकाल गुमशुदा पिंकी बाई पत्नी रामनारायण लोधा के ही होने की पुष्टि हुई ।
तदुपरांत मर्ग की संपूर्ण जांच, साक्ष्य एवं कथनों से ज्ञात हुआ कि मृगवास थाना क्षेत्र के ग्राम भूमलाखेड़ी निवासी भगवान सिंह लोधा की मृतिका पिकीं बाई लोधा से बातचीत होना एवं भगवान सिंह लोधा के द्वारा ही ग्राम हान्याहेड़ी से पिंकी बाई को अपने साथ भगा कर लाना और मृतिका पिंकी बाई की हत्या कर लाश को झीकनी तिराहा के पास जंगल में फेंक देना पाया गया । मर्ग की संपूर्ण जांच उपरांत आरोपी भगवान सिंह पुत्र घासीलाल लोधा निवासी ग्राम भूमलाखेड़ी थाना मृगवास के विरूद्ध मृगवास थाने पर अप.क्र. 151/23 धारा 302, 201 भादवि के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
मुखबिर से मिली सूचना पर आरोपी भगवान सिंह पुत्र घासीलाल लोधा उम्र 26 साल निवासी ग्राम भूमलाखेड़ी थाना मृगवास को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसने पूछताछ पर अपना जुर्म स्वीकार करते हुये बताया कि 02 साल पहले मृतिका पिंकी बाई द्वारा उस पर थाना मृगवास में बलात्कार का प्रकरण दर्ज कराया था।
इस प्रकरण में मृतिका पिंकी बाई के न्यायालय में बयान होना थे, यदि मृतिका न्यायालय में उसके विरूद्ध बयान दे देती तो उसे सजा बुल जाती, इसी डर में एवं उस पर बलात्कार का प्रकरण दर्ज कराने की रंजिश को लेकर उसके द्वारा मृतिका से मोबाइल पर बातचीत कर एवं बहला फुसलाकर उसे अपने साथ पत्नि बनाकर रखने का प्रलोभन दिया और उसे अपने साथ झीकनी तिराहे पर लेकर पहुंचा।
जहां पर मृतिका पिंकीबाई द्वारा उसे आपने साथ शादी कर रखने के लिये कहा जाने पर दोंनो के बीच विवाद हुआ और इस विवाद में उसने पिंकी बाई की मारपीट करना और वहीं पड़े एक पत्थर से उसकी ह्त्या कर देना बताया गया।
अंधे कत्ल का पर्दाफास करने में एसडीओपी चांचौड़ा श्रीमति दिव्या सिंह राजावत, मृगवास थाना प्रभारी उपनिरीक्षक जयवीर सिंह बघेल, बांसाहेड़ा चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक संजय कुमार लोधी, सउनि अनिल कदम, प्रधान आरक्षक अमित भारद्वाज, आरक्षक शैलेन्द्र धाकड़, आरक्षक विनोद बाथम, आरक्षक विकास राठौर, आरक्षक नीरज धाकड़, आरक्षक धीरेन्द्र सिंह आदि की की महत्वपूर्ण भूमिका रही है । इस टीम को गुना पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सगर द्वारा 10 हजार रूपये के नगद पुरूष्कार से पुरूष्कृत किया जा रहा है ।
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