'जंग जारी रखना चाहते हैं पुतिन, बस ट्रंप को यह बताने से डर रहे', जेलेंस्की का पलटवार
जेलेंस्की ने कहा, 'वास्तव में वह स प्रस्ताव को नामंजूर करने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि पुतिन निश्चित रूप से राष्ट्रपति ट्रंप को यह बताने से डरते हैं कि वह इस युद्ध को जारी रखना चाहते हैं। वह यूक्रेनियों की जान लेते रहना चाहते हैं।'

कीव (आरएनआई) यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका के 30 दिन के युद्ध विराम के प्रस्ताव को लेकर रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन की प्रतिक्रिया की आलोचना की है। उन्होंने पुतिन के बयान को भ्रामक बताया है। मॉस्को पर और अधिक प्रतिबंध लगाने का आह्वान करते हुए जेलेंस्की ने दावा किया कि पुतिन वास्तव में युद्ध विराम समझौते के प्रस्ताव को दरकिनार करने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से यह बात सीधे यह कहने से डरते हैं।
हाल ही में व्हाइट हाउस की यात्रा के दौरान ट्रंप के साथ हुई गहमागहमी के बाद चीजें ठीक करने में जुटे जेलेंस्की ने कहा, 'वास्तव में वह स प्रस्ताव को नामंजूर करने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि पुतिन निश्चित रूप से राष्ट्रपति ट्रंप को यह बताने से डरते हैं कि वह इस युद्ध को जारी रखना चाहते हैं। वह यूक्रेनियों की जान लेते रहना चाहते हैं।' दरअसल, सऊदी अरब के जेद्दा में हुई बैठक के दौरान जेलेंस्की ने अमेरिका के तत्काल अंतरिम 30 दिन के संघर्ष विराम के प्रस्ताव पर सहमति जताई थी।
11 मार्च को यूक्रेन और अमेरिका के बीच सऊदी अरब में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इसमें यूक्रेन ने तत्काल अंतरिम 30-दिवसीय युद्धविराम लागू करने के अमेरिकी प्रस्ताव पर सहमति जताई थी। यह प्रस्ताव रूस की स्वीकृति के अधीन है। ट्रंप ने जेद्दा में शांति वार्ता के बाद यूक्रेन के युद्धविराम पर सहमति का स्वागत किया था और उम्मीद जताई थी कि रूस भी इस पर सहमत होगा।
बीते दिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने युद्धविराम पर बातचीत करने की यूक्रेन की इच्छा पर अपनी पहली सार्वजनिक तौर पर खुलकर बात की थी। उन्होंने संघर्ष से दुनिया को हो रहे नुकसान को संबोधित करने और शांति बहाली के लिए किए गए प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति ट्रंप और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा समेत दुनिया के कई नेताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन में 30 दिन के संघर्ष विराम से जुड़े अमेरिकी प्रस्ताव से सैद्धांतिक रूप में सहमत हैं, लेकिन इसकी शर्तों पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे स्थायी शांति बहाल होगी।
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