छोटे हो रहे भारतीयों के परिवार!!!...
मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर डेमोग्राफिक रिसर्च, ब्यूनस आयर्स विश्वविद्यालय तथा एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दुनियाभर में मनुष्यों के रिश्तेदारी संबंधी विकास का अध्ययन कर यह अनुमान लगाया है।
नई दिल्ली (आरएनआई) आने वाले वर्षों में दुनियाभर में परिवार छोटे हो जाएंगे। भारत में एक व्यक्ति के रिश्तेदारों की संख्या में 35 से अधिक की कमी होने की उम्मीद है। मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर डेमोग्राफिक रिसर्च, ब्यूनस आयर्स विश्वविद्यालय तथा एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दुनियाभर में मनुष्यों के रिश्तेदारी संबंधी विकास का अध्ययन कर यह अनुमान लगाया है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, भारत में 1950 में 65 साल की महिला के 45 रिश्तेदार थे, 2095 में यह संख्या 20 से कम रह जाएगी। जिम्बॉब्वे में 1950 में 82 रिश्तेदार घटकर 2095 में 24 रह जाएंगे। चीन में भी रिश्तेदारों की संख्या 39 से घटकर 7 फीसदी रह जाएगी। अमेरिका, इटली सहित अन्य देशों में भी कमी आएगी।
अध्ययन के अनुसार, भविष्य में परिवारों की संरचना भी बदल जाएगी। चचेरे भाई-बहनों, भतीजियों, भतीजों और पोते-पोतियों की संख्या में तेजी से गिरावट आएगी। जबकि परदादा और दादा-दादी की संख्या बढ़ेगी। शोध में वैश्विक स्तर पर वर्ष 1950 में एक 65 वर्षीय महिला के औसतन 41 जीवित रिश्तेदार थे, जो 2095 तक औसतन केवल 25 रह जाएंगे।
व्यक्तियों व उनके रिश्तेदारों में उम्र का अंतर बढ़ने के साथ लोगों का पारिवारिक नेटवर्क छोटे होगा। भविष्य में दादा-दादी की संख्या अधिक होगी। यह सैद्धांतिक रूप से माता-पिता के लिए बच्चों की देखभाल के बोझ को कम करने में मदद कर सकता है।
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