छत्तीसगढ़ विधानसभा ने लोकतांत्रिक परंपराओं के सर्वोच्च मानदंड स्थापित किए: द्रौपदी मुर्मू
डॉ.समरेन्द्र पाठक वरिष्ठ पत्रकार

रायपुर(आरएनआई) राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज यहां कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने लोकतांत्रिक परंपराओं के सर्वोच्च मानदंड स्थापित किया हैं।
श्रीमती मुर्मू छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रही थीं।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने सदन की कार्यवाही के दौरान वेल में आने वाले सदस्यों को स्वतः निलंबित करने का असाधारण नियम बनाया है और इसका पालन किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि पिछले 25 वर्षों के दौरान यहां के विधानसभा में कभी भी मार्शल का उपयोग नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने न केवल देश के लिए बल्कि विश्व की सभी लोकतांत्रिक प्रणालियों के समक्ष उत्कृष्ट संसदीय आचरण का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है।
राष्ट्रपति ने महिला विधायकों से सभी महिलाओं का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जब वे विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही महिलाओं को प्रोत्साहित करेंगी, तब सभी का ध्यान उन महिलाओं की ओर जाएगा और उनके विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
उन्होंने कहा कि चाहे वे शिक्षक हों या अधिकारी, समाजसेवी हों या उद्यमी, वैज्ञानिक हों या कलाकार, मजदूर हों या किसान, अक्सर हमारी बहनें दिन-प्रतिदिन की घरेलू जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए और कठिन संघर्ष करते हुए बाहरी दुनिया में अपना स्थान बनाती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं हैं। सीमेंट, खनिज उद्योग, इस्पात, एल्युमीनियम और बिजली उत्पादन जैसे क्षेत्रों में विकास के भरपूर अवसर हैं। यह खूबसूरत राज्य हरे-भरे जंगलों, झरनों और अन्य प्राकृतिक सौगातों से भरपूर है।
उन्होंने राज्य के नीति निर्माताओं से विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को आधुनिक विकास की यात्रा से जोड़ने की जिम्मेदारी भी नीति निर्माताओं की है। एल.एस.
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