छतरपुर डीईओ ऑफिस में कलेक्टर की टीम का छापा, निलंबन के बाद तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी कर रहे थे बैक डेट में लाखों का भुगतान
छतरपुर (आरएनआई) छतरपुर के तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी एम के कोटार्य के निलंबन के बाद उनके द्वारा बैक डेट में लाखों के भुगतान करने की जानकारी लगते ही कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने एक्शन लिया है। कलेक्टर के निर्देश पर कोषालय अधिकारी वी के श्रीवास्तव ने डीईओ ऑफिस में छापामार कार्रवाई की।
बता दें कि आज ही छतरपुर के तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी एम के कोटार्य को निलंबित कर दिया गया था। सागर कमिश्नर वीरेंद्र रावत ने उन्हें विभिन्न शिकायतों में दोषी पाए जाने के बाद निलंबन के आदेश जारी किए और उन्हें मुख्यालय कार्यालय जेडी सागर नियत किया गया। लेकिन इस बात की जानकारी लगते ही कोटार्य ऑफिस में बैठकर बैक डेट में कार्य निपटाने लगे।
निलंबन के बाद बैक डेट में लाखों के बिल का भुगतान, कलेक्टर का एक्शन
तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के निलंबन होने के बाद ऑफिस में बैठकर बेक डेट में कार्य निपटाने और लाखों के भुगतान करने की जानकारी जैसे ही कलेक्टर पार्थ जैसवाल को लगी, उन्होंने तुरंत इसे लेकर निर्देश दिए। इसके बाद कोषालय अधिकारी वी के श्रीवास्तव ने डीईओ ऑफिस में टीम के साथ छापा मारा। लेकिन कलेक्टर की टीम आने की जानकारी लगते ही एमके कौटार्य ऑफिस से भाग निकले। इस बारे में सहायक संचालक आरपी प्रजापति ने कोषालय अधिकारी को जानकारी दी कि सस्पेंशन का ऑर्डर देखकर और टीम के आने की ख़बर लगते ही तत्कालीन डीईए आफिस में मेडिकल पेपर देकर निकल गए। छापामार कार्रवाई के दौरान कलेक्टर की टीम ने डीईओ ऑफिस के कर्मचारियों को हिदायत कि अगर किसी कर्मचारी ने कोई गलत काम किया या अब कोई भुगतान हुआ तो उनके ख़िलाफ़ भी बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ये है पूरा मामला
बता दें कि छतरपुर के तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी एम के कोटार्य को सागर कमिश्नर वीरेंद्र रावत ने विभिन्न शिकायतों में दोषी पाए जाने पर निलंबित किया है। कोटार्य के विरुद्ध विधायक बिजावर बबलू शुक्ला द्वारा विधानसभा में प्रश्न लगाकर गंभीर मुद्दे शासन के सामने उठाए गए थे। इसके बाद सागर कमिश्नर द्वारा जाँच के बाद निलंबन की कड़ी कार्रवाई की गई। लेकिन एम के कोटार्य निलंबन के बाद भी नहीं रूके। अपने निलंबन की जानकारी लगते ही वो ऑफिस में बैठकर बैक डेट में लाखों के बिलों के भुगतान करने एवं अनेक नियम विरुद्ध आदेश अनाधिकृत रूप से जारी करने लगे। इसकी जानकारी लगते ही कलेक्टर द्वारा डीईओ ऑफिस में छापामार कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
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