चौथे दौर की वार्ता के बाद गेंद किसानों के पाले में
एमएसपी की कानूनी गारंटी पर रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बैठक हुई। इसमें केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई है। केंद्र के इस प्रस्ताव पर बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने कहा कि वह सभी संगठनों से बात कर आज इस पर अंतिम फैसला बताएंगे। वहीं हरियाणा के बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं।
चंडीगढ़ (आरएनआई) किसानों के विरोध प्रदर्शन पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि अभी दिल्ली नहीं जा रहे हैं। 21 फरवरी को सुबह 11 बजे हम शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेंगे। तब तक हम केंद्र के सामने अपनी बात रखने की कोशिश करेंगे।
किसान आंदोलन के दौरान रविवार को एक और किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर बैठे कांगथला पटियाला के किसान मंजीत सिंह को सिविल अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। इससे पहले गुरदासपुर के बटाला के एक किसान और हरियाण के सुरक्षाकर्मी की भी आंदोलन के दौरान मौत हो गई थी। किसानों ने आरोप लगाया था कि आंसू गैस के धुएं से तबीयत खराब होने के कारण किसान की जान गई।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि फसलों का विविधीकरण बेहद जरूरी है, बशर्ते सरकार वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी की गारंटी दे। इसके बाद अन्य फसलों को भी इसके अंर्तगत लाया जा सकता है। हम केंद्र के इस प्रस्ताव पर किसान संगठनों के जवाब का इंतजार करेंगे।
केंद्र सरकार ने किसानों के सामने धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया है। इसके लिए किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ नैफेड और भारतीय कपास निगम सीसीआई से पांच साल का करार करना होगा।
किसानों के आंदोलन का आज सातवां दिन है। रविवार रात केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की पांच घंटे बैठक हुई। इसके बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों को बताया कि चौथे दौर की बातचीत बेहद सकारात्मक रही है।
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