चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका, अवधेश नायक-राजकुमार सिंह ने थामा कांग्रेस का हाथ, सामने आया कमलनाथ का बड़ा बयान
चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका, अवधेश नायक-राजकुमार सिंह ने थामा कांग्रेस का हाथ, सामने आया कमलनाथ का बड़ा बयान
भोपाल। (आर एन आई) मप्र के विधानसभा चुनाव के पहले राजनीति में उठापटक और दलबदल का दौर तेजी से चल रहा है। मप्र विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है।दतिया से भाजपा नेता एवं मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व उपाध्यक्ष अवधेश नायक ने बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। आज पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में नायक ने कांग्रेस ज्वाइन की। नायक के अलावा सागर जिले की सुरखी के राजकुमार सिंह धनौरा और शायर गीतकार राहत इंदौरी की पत्नी शायर अंजुम रहबर ने भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
दतिया के कद्दावर नेताओं में शामिल है नायक
नायक दतिया के कद्दावर भाजपा नेता माने जाते है। खास बात ये है कि वे पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री है। 2008 में अवधेश नायक ने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भारतीय जनशक्ति पार्टी से चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के कद्दावर नेताओं में से एक और वर्तमान प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से हार गए थे। दतिया से चुनाव हारने के बाद अवधेश नायक ने फिर BJP में वापसी की। 2013 और 2018 के चुनाव में टिकट की दावेदारी की तो 2016 में उन्हें मप्र पाठ्यपुस्तक निगम का उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था, लेकिन आगामी चुनाव से पहले एक बार फिर अब BJP में टिकट की उम्मीद टूटने के बाद अवधेश नायक ने रविवार को कांग्रेस की सदस्यता ले ली।
कमलनाथ बोले- सीएम शिवराज का भी स्वागत है
आज रविवार को पीसीसी में दतिया के कद्दावर भाजपा नेता और पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री अवधेश नायक और सागर जिले की सुरखी के राजकुमार सिंह धनौरा ने कांग्रेस की सदस्यता ली। इस दौरान पीसीसी चीफ कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह दोनों नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। खबर है कि लंबे समय से इन दोनों नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें चल रहीं थीं और आखिरकार आज दोनों नेता कांग्रेस में औपचारिक तौर पर शामिल हो गए है। इमरती देवी के कांग्रेस जॉइन करने की अटकलों पर एमपी कांग्रेस के चीफ कमलनाथ ने कहा, हमारे सिद्धांत क्या हैं, शिवराज सिंह का भी स्वागत है अगर वे हमारे सिद्धांत मान लें और कार्यकर्ता उन्हें स्वीकार कर लें।
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