चुनाव में जीत के बाद जेल में बंद अमृतपाल से मिलने पहुंचे माता-पिता
पिता तरसेम सिंह ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा 'हम बहुत खुश हैं क्योंकि हमारे बेटे ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। हम यहां उससे मिलने आए हैं और हम इस बात से बहुत खुश हैं कि लोगों ने उसे बहुत प्यार दिया और उसे बड़े अंतर से जीत दिलाई।
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डिब्रूगढ़ (आरएनआई) वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल ने खडूर साहिब लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है। लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अमृतपाल के माता-पिता असम के डिब्रूगढ़ पहुंचे, जहां सेंट्रल जेल में अमृतपाल बंद है। लोकसभा चुनाव में अमृतपाल सिंह ने बतौर निर्दलीय खडूर साहिब लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है। अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह और माता बलविंदर कौर का डिब्रूगढ़ एयरपोर्ट पर अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर ने स्वागत किया, जो यहां बीती 5 जून से ही मौजूद हैं।
डिब्रूगढ़ पहुंचने के बाद तरसेम सिंह और बलविंदर कौर ने अपने बेटे अमृतपाल सिंह से जेल में मुलाकात की। अमृतपाल मार्च 2023 से डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। पिता तरसेम सिंह ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा 'हम बहुत खुश हैं क्योंकि हमारे बेटे ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। हम यहां उससे मिलने आए हैं और हम इस बात से बहुत खुश हैं कि लोगों ने उसे बहुत प्यार दिया और उसे बड़े अंतर से जीत दिलाई।' तरसेम सिंह ने कहा कि 'हम उससे पूछेंगे कि चुनाव में जीत के बाद उसे कैसा लग रहा है और अपनी लोकसभा के लोगों को वह क्या संदेश देना चाहता है।
अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने जेल कर्मचारियों को मिठाई भी बांटी। कौर ने कहा कि वह उसके (अमृतपाल) लिए नए कपड़े और जूते लेकर आए हैं ताकि वह इन्हें पहनकर सांसदों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सके। अमृतपाल की पत्नी के साथ वकील और पंजाब के पूर्व सांसद राजदेव सिंह खालसा भी मौजूद थे। खालसा ने कहा कि अमृतपाल की रिहाई के लिए सभी जरूरी कानूनी कदम उठा लिए गए हैं। खालसा ने कहा कि लोगों ने अमृतपाल में नेतृत्व करने की क्षमता देखी है, तभी उसे वोट दिया गया।
अमृतपाल सिंह ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार खडूर साहिब लोकसभा सीट से 1,97,120 वोटों के अंतर से कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को हराया। वहीं आप के लालजीत सिंह भुल्लर तीसरे स्थान पर रहे। अमृतपाल सिंह को 4,04,430 वोट मिले, वहीं जीरा को 2,07,310 वोट मिले। वारिस पंजाब दे एक कट्टर विचारधारा वाला संगठन है, जिसके 10 सदस्यों को बीते साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार लोगों में अमृतपाल, उसके चाचा और अन्य साथी शामिल हैं। अमृतपाल को एनएसए कानून के तहत बीते साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से ही वह असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद है।
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