चीनी दूतावास से धन प्राप्त करने के बाद राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए पंजीकरण रद्द किया गया : अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि जब तक देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है तब तक कोई एक इंच भी जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता।
नयी दिल्ली, 13 दिसंबर 2022, (आरएनआई)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि जब तक देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है तब तक कोई एक इंच भी जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता।
अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प की पृष्ठभूमि में उन्होंने यह बात कही। संसद में विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की।
शाह ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-06 और 2006-07 के वित्तीय वर्ष में चीनी दूतावास से 1 करोड़ 35 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ था, जो कानून और उसकी मर्यादाओं के अनुरूप नहीं था इसलिए गृह मंत्रालय ने फाउंडेशन का एफसीआरए (विदेशी अनुदान नियमन कानून) पंजीकरण रद्द किया।
शाह ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले फाउंडेशन को इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के संस्थापक जाकिर नाइक से 50 लाख रुपये मिले। आईआरएफ को सरकार ने आतंकवाद में कथित संलिप्तता के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
गृह मंत्री ने भारतीय सैनिकों की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है, तब तक कोई हमारी एक इंच भी जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे जवानों ने जो वीरता दिखाई है, मैं उसकी भूरि भूरि प्रशंसा करता हूं। सेना ने घुसे हुए सभी लोगों को कुछ ही देर में वापस खदेड़ दिया और हमारी भूमि की रक्षा की।’’
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए पंजीकरण को रद्द करने संबंधी प्रश्नों से बचने के लिए संसद में सीमा मुद्दे को उठाया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का दावा है कि फाउंडेशन को भारत-चीन संबंधों के विकास पर शोध करने के लिए चीनी दूतावास की ओर से यह राशि दी गई थी।
शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी बताए कि इन्होंने शोध तो जरूर किया होगा, क्या उनकी शोध में 1962 में भारत की हजारों हेक्टेयर भूमि चीन ने हड़प ली, वो शामिल था क्या? और शोध किया तो रिपोर्ट क्या आई है?’’
उन्होंने कहा कि 13 अक्टूबर 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अरूणाचल यात्रा पर चीन ने आपत्ति जताई थी। शाह ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस ने इसकी जांच की?
गृह मंत्री ने पूछा कि क्या कांग्रेस पार्टी ने 1962 में भारत की हजारों हेक्टेयर भूमि चीन द्वारा हड़प लेने, जवाहर लाल नेहरू के चीन प्रेम के कारण सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की बलि चढ़ने, चीन द्वारा कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री दोरजी खांडू को वीजा देने से इनकार करने और जम्मू-कश्मीर के लोगों को नत्थी वीजा देने जैसे मुद्दों पर भी शोध किया है।
शाह ने यह भी आरोप लगाया कि जिस वक्त गलवान में भारतीय सेना के जवान चीनी सैनिकों से लड़ रहे थे, उस वक्त कांग्रेस के एक नेता चीनी दूतावास के एक अधिकारी को रात्रि भोज दे रहे थे।
गृह मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आपके ही समय में हजारों किलोमीटर भूमि अवैध रूप से हमसे हड़प ली गई। आपके ही समय में हमें मिली हुई सुरक्षा परिषद की सदस्यता आपने निजी संबंधों को बनाने के लिये चीन को भेंट कर दी। जनता इन सभी विषयों को जानती है।’’
What's Your Reaction?