चीन-पाकिस्तान से लगी सीमा पर हालात कैसे? सेना प्रमुख बोले- स्थिति संवेदनशील, पर स्थिर
सेना प्रमुख ने कहा कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है। यहां हमारी तैनाती मजबूत है। हम किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम हैं। हम सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और क्षमता विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है।
नई दिल्ली (आरएनआई) सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में एलएसी और एलओसी के हालात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी की स्थिति संवेदनशील है, लेकिन स्थिर है। पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है। यहां हमारी तैनाती मजबूत है। हम किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम हैं। वहीं पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम जारी है।
नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में सेना प्रमुख ने कहा कि हम सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और क्षमता विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में स्थिति नियंत्रण में है। पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम जारी है लेकिन घुसपैठ की कोशिशें भी हो रही हैं। जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद पर पाकिस्तान के समर्थन पर सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तानी की ओर से आतंकी ढांचा बरकरार है। उन्होंने कहा कि पिछले साल मारे गए 60 फीसदी आतंकवादी पाकिस्तानी मूल के थे।
सेना प्रमुख ने कहा कि राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मास मीडिया और सुरक्षा बलों में एक साथ आने की बहुत क्षमता है। मेरा मिशन है कि पूर्ण स्पेक्ट्रम तैयारियों को सुनिश्चित करना और साथ ही भारतीय सेना को एक आत्मनिर्भर भविष्य के लिए तैयार बल में बदलना, ताकि वह राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र का एक प्रासंगिक और प्रमुख स्तंभ बन सके। जो राष्ट्र निर्माण में भी सार्थक योगदान दे सके।
दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था। उसी साल जून में गलवां घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच घातक झड़प हुई थी, जिससे दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था। सैनिकों की वापसी के समझौते को 21 अक्तूबर को अंतिम रूप दिया गया था। समझौते पर हस्ताक्षर होने के दो दिन बाद पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत की थी। बैठक में दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता सहित कई वार्ता तंत्रों को बहाल करने पर सहमति व्यक्त की थी।
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