चर्चित IPS पुरुषोत्तम शर्मा का VRS आवेदन शासन ने ख़ारिज किया
भोपाल। मप्र के चर्चित IPS अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा के स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति यानि VRS के आवेदन को शासन ने ख़ारिज कर दिया है, गृह विभाग ने आज मंगलवार 20 जून को इस आशय के आदेश जारी किये, IPS पुरुषोत्तम शर्मा इस विशेष पुलिस महानिदेशक हैं और भोपाल में पदस्थ हैं, शासन के आदेश के बाद आईपीएस पुरुषोत्तम शर्मा के वीआरएस संबंधी चर्चाओं पर विराम लग गया है।
आपको बता दें कि 1986 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा ने 31 मई 2023 को शासन की एक आवेदन दिया था जिसमें उन्होंने वीआरएस मांगा था। उन्होंने अपने आवेदन में कहा था कि जब सरकार उन्हें काम ही देना नहीं चाहती तो रिटायर्ड कर दें। बिना काम के वेतन लेना मुझे अच्छा नहीं लगता।
दरअसल मध्य प्रदेश के सीनियर मोस्ट IPS अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा का एक वीडियो सितंबर 2020 में वायरल हुआ था। इसमें वे पत्नी से मारपीट करते दिखाई दे रहे थे। इस समय पुरुषोत्तम शर्मा विशेष पुलिस महानिदेशक लोक अभियोजन के पद पर पदस्थ थे, शर्मा के बेटे पार्थ ने गृह मंत्री , डीजीपी , मुख्य सचिव को दिए थे जिसके आधार पर शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
राज्य शासन ने वायरल वीडियो के आधार पर 29 सितंबर 2020 को आईपीएस पुरुषोत्तम शर्मा को निलंबित कर दिया और फिर इसके बाद 5 बार उनकी निलंबन अवधि बढ़ाई गई, बार-बार निलंबन बढ़ाने के विरुद्ध पुरुषोत्तम शर्मा केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) पहुंचे थे। पुरुषोत्तम शर्मा के आवेदन पर कैट ने शासन को उनका निलंबन खत्म करने का आदेश दिया था, लेकिन शासन ने कैट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती थी। हाई कोर्ट ने शासन की अपील खारिज करते हुए शर्मा को बहाल करने के निर्देश दिए थे।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद शासन ने शर्मा का निलंबन बहाल ना करते हुए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को शर्मा के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मप्र शासन को पुरुषोत्तम शर्मा के निलंबन की कार्रवाई समाप्त करने के निर्देश दिये । सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन की कार्रवाई को शून्य घोषित करते हुए पुरुषोत्तम शर्मा को राहत दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के बाद शासन ने पुरुषोत्तम शर्मा के निलंबन को बहाल करते हुए उन्हें पुलिस मुख्यालय में विशेष पुलिस महानिदेशक के पद पर पदस्थ कर दिया था यहाँ शासन के रवैये से दुखी होकर 31 मई को पुरुषोत्तम शर्मा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दिया था जिसे शासन ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया की उनके खिलाफ कुछ जाँच चल रही हैं इसलिए स्वैच्छिक सेवा निवृति स्वीकार नहीं की जा सकती।
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