चन्द्रयान-3 की लैंडिंग में सुल्तानपुर के मनोज तिवारी ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
सुलतानपुर। (आरएनआई) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के द्वारा दिनांक 23.08.2023 को चन्द्रमा पर भेजे गये चन्द्रयान-3 की सफल लैंडिंग में सुल्तानपुर जनपद के कादीपुर तहसील अन्तर्गत अखण्डनगर विकास खण्ड के उनुरूखा निवासी मनोज तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
कुशाग्र बुद्धि व प्रखर वैज्ञानिक चेतना के धनी मनोज तिवारी द्वारा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से एमएससी भौतिक विज्ञान में गोल्ड मेडलिस्ट, एमटेक आईआईटी दिल्ली, साइंटिस्ट्स यसजी, स्पेस अप्लीकेशन सेंटर (SAC) अहमदाबाद में कार्यरत हैं।
श्री तिवारी के अनुसार चन्द्रयान-3 में लगे हुए लैंडर और रोवर इमेजिंग कैमरा का डेवलपमेंट सैक अहमदाबाद में द्वारा किया गया है।अहमदाबाद में विक्रम लैंडर का कैमरा विकसित करने की सफल योजना के परिणाम स्वरूप चन्द्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग कराने में मदद मिली। एसएसी (SAC) अहमदाबाद में इमेजिन कैमरा विकसित करने के लिए सेंसर्स डेवलपमेंट एरिया (SEDA) विकसित किया गया है। यहां पर विकसित कैमरों में एलपीडीसी, लैंडर इमेजर और रोवर इमेजर है। कैमरे का विकास SEDA टीम के द्वारा किया था। जिसका ऑप्टिक्स, डिटेक्टर, एकीकरण और क्षमता का परीक्षण एवं अल्टीमीटर पेलोड का विकास अहमदाबाद के एसएसी केंद्र में किया गया है। सभी इमेजिंग कैमरों का विकास हमारे पर्यवेक्षण में किया गया है। विक्रम लैंडर की सुरक्षित लैंडिंग के लिए लगे सभी इमेजिंग पेलोड और अल्टीमीटर पेलोड महत्वपूर्ण है। विक्रम लैंडर में से रोवर मॉड्यूल निकलेगा और एक पखवाड़े तक काम करेगा। विक्रम लैंडर का जीवन 14 दिन का है अर्थात यह 14 दिन तक अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करेगा।चन्द्रयान-3 लैंडर में लगे ऑन-बोर्ड एल्गोरिथम/सॉफ्टवेयर का निर्माण SIPA/SAC अहमदाबाद में हुआ है। चन्द्रयान-3 लैंडर टच डाउन रीटार्गेटिंग का अंतिम चरण हमारे एलएचडीएसी में विकसित कैमरा ऑप्टिकल सिस्टम द्वारा 150 मीटर पर ली गई छवि द्वारा किया गया।
मनोज तिवारी द्वारा किये गये एतिहासिक कार्य व चन्द्रयान-3 की सफल लैंडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका के निर्वाह पर सुल्तानपुर जनपद ही भारत में उनुरूखा गांव का नाम रोशन किया है। जिसके प्रति गांव के गणमान्य लोगों व जनपद वासियों द्वारा अत्यधिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी है।
श्याम चन्द्र श्रीवास्तव
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