घुमंतू समाज का गौरव शाली इतिहास रहा हे यह समाज सदैव राष्ट्र भक्त रही हे : कृष्णा गौर
जो पड़ जाएगा वह आगे बढ़ जाएगा: दुर्गा दास व्यास
गुना (आरएनआई) विमुक्त घुमंतू अर्द्ध घुमंतू कल्याण विभाग मप्र शासन में स्वतंत्र प्रभार मंत्री कृष्णा गौर ने रविवार को गुना में आयोजित घुमंतू समाज के सामाजिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि में सौभाग्य शाली हु कि आज मुझे घुमंतू समाज के देव तुल्य बंधुओं से मिलने का अवसर मिला में सभी को हाथ जोड़कर प्रणाम करती हु। राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि इस समाज का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। इस समाज ने राजा महाराजाओं की रक्षा की। ये समाज अपनी राष्ट्रभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर देता था। जब इस देश में अंग्रेजों का आगमन हुआ और उन्होंने देखा कि इस देश का एक बड़ा समाज मातृभूमि से प्रेम करने वाला समाज है, ऐसे समाज से डर कर समाज को खत्म करने की साजिश रची। ये घुमंतू समाज की ताकत थी कि इस समाज ने उन्हें भी भयभीत कर दिया। इसीलिए अंग्रेजों ने इस समाज को अपराधिक श्रेणी में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारा ये समाज धीर धीरे आपराधिक श्रेणी में लिप्त होता चला गया। आजादी के बाद तत्कालीन सरकारों की ये जिम्मेदारी थी कि वो समाज को मुख्यधारा में लाए। कांग्रेस ने अगर सही समय पर इस समाज के कल्याण के लिए कोई योजनाएं बना दी होती, तो आज ये समाज अग्रणी समाज में आकर खड़ा हो चुका होता। कांग्रेस ने इस समाज के लिए कभी चिंता नहीं की। यह समाज शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। में आज इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में सम्मिलित होकर आपको विश्वास दिलाती हु कि यह समाज को विकास की भूमिका में रखा जाएगा। समाज का हर बच्चा शिक्षित हो, खेल कूद में अग्रणी रहे। शासन की सभी योजनाओं का लाभ इस समाज को मिले इसके लिए शासन द्वारा जगह जगह कैंप लगाकर इनके सभी दस्तावेज बनाएं जाएंगे जिससे यह समाज को हर योजना का लाभ मिले।
घुमंतू समाज का सामाजिक सम्मेलन 9 मार्च 2025 रविवार को जलसा गार्डन गुना में संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में घुमंतू समाज के अखिल भारती अधिकारी दुर्गा दास व्यास, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह कार्यवाह संतोष मीणा, विमुक्त घुमंतू अर्द्ध घुमंतू कल्याण विभाग मप्र शासन मंत्री कृष्णा गौर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघ चालक अशोक सिंह कुशवाह, घुमंतू समाज मध्य भारत प्रांत प्रमुख लखन विश्वकर्मा, गुना कलेक्टर, किशोर कुमार कन्याल, पुलिस अधीक्षक संजीव सिंहा द्वारा कार्यक्रम को संबोधित कर घुमंतू समाज के कल्याण की बात कही। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर आरंभ किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृष्णा गौर ने कहा कि कांग्रेस ने अपने समय में सत्ता का सुख भीगने के बजाय इस समाज की चिंता की होती, तो आज ये समाज इस स्थिति में नहीं होता। इनकी स्थिति के लिए पूरी तरह से कांग्रेस जिम्मेदार है। इस समाज की कोई चिंता कर रहा है, तो केवल भाजपा सरकार कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव का ये संकल्प है कि घूमती समाज के लोगों को पक्का मकान देना है। उनके इलाज की व्यवस्था करनी है। उनके बच्चों की शिक्षा को व्यवस्था करनी है। उनकी बस्तियों में बिजली, पानी, सड़क को व्यवस्था करना सरकार का संकल्प है। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपराध करता हे तो उसे अपराधी मानना चाहिए पूरे समाज को दोषी नहीं मानना चाहिए। आपको भी संकल्प लेना है कि आने वाली पीढ़ी को अपराध की दुनिया में नहीं जाने देंगे।
जो पड़ जाएगा वह आगे बढ़ जाएगा: दुर्गा दास व्यास
सम्मेलन को संबोधित करते हुए अतिथि दुर्गादास व्यास ने कहा कि घुमंतू समाज इसी एकता के साथ अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगा तो हर मांग पूरी होगी। हमारी बात में दम आएगा। एक साथ एकजुट हो कर अपनी ताकत समाज को दिखाएं। घुमंतू समाज आज भी अभाव में रहता है, कठिनाई के रहता है। एक समय था जब भारत में इन समाजों के योगदान से हमारा देश दुनिया में सभी बड़ा विश्वगुरु, आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न, हर दृष्टि से सम्पन्न था। घुमंतू समाज का देश में बड़ा योगदान रहा है। घुमंतू समाज देशभक्त, स्वाभिमानी, परिश्रमी, कभी पैसे की दृष्टि से बहुत संपन्न और समाज में बहुत प्रतिष्ठित रहा है। आज ये ऐसी स्थिति में क्यों आ गए। वो केवल उनकी कोई कमजोरी या गलती कारण नहीं हैं। देश के आजाद होने के बाद सर्व समाज, सरकारों, प्रशासन की जिम्मेवारी थी कि देश की आजादी के बाद इन समाज के लोगों के लिए विशेष योजनाएं बननी थी। ये लोग स्वतंत्रता सेनानी हैं। लेकिन शासन, प्रशासन सब भूल गए। हमारे ऊपर इस समाज का ऋण है, क्योंकि हमारे पूर्वजों की आजादी की लड़ाई के लिए इनके पुर्जों ने अपना बलिदान दिया था। आज हमारा धर्म बनता है कि हम इनको केवल क्रिमिनल के भाव से नहीं देखें। ये लोग इस परिस्थितियों में क्यों आए, ये देखकर इनके लिए योजनाएं बनाएं। एक बड़े भाई के नाते इनका हाथ पकड़कर आगे बढ़ाएं। इतिहास तो हमारा श्रेष्ठ रहा है, लेकिन जीना तो वर्तमान है, इसलिए सबसे पहले ये काम करना है कि अपने बच्चों को पढ़ाना है। अगर आगे बढ़ना है तो शिक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है।जिससे यह समाज अपराध से दूर रहे।
उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में भाग लेने के कारण अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के कारण अंग्रेजों ने कानून बना इस घुमंतू समाज के साथ ज्यादतियां की हैं। ये सब लोग उन 70 वर्षों के अंदर हर दृष्टि से टूट गए और आज ऐसी स्थिति में आ गए। इन्होंने देशभक्ति दिखाते हुए आजादी की लड़ाई में योगदान दिया। घुमंतू समाज के पूर्वजों ने आजादी की पांच पीढ़ी पहले आजादी की लड़ाई में अपना धर्म निभाया। ऐस योगदान दिया कि अपनी पीढ़ियों का भविष्य अंधकार में डाल दिया, लेकिन अपना धर्म निभाया।
स्वागत भाषण प्रांत प्रमुख श्री विश्वकर्मा ने देते हुए कहा कि घुमंतू समाज को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना एवं शासन की जनकल्याण कारी योजनाओं का लाभ मिले एवं यह समाज शिक्षा, स्वास्थ, स्वरोजगार, सामाजिक सम्मान मिले इस उद्देश्य से गुना जिले में घुमंतू समाज का सामाजिक सम्मेलन आयोजन किया गया हे। कलेक्टर ओर पुलिस अधीक्षक ने कार्यक्रम को संबोधित कर शासन की सभी जन कल्याण कारी योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए मेरा ऑफिस सदैव घुमंतू समाज के लिए खुला रहेगा। उन्होंने कहा कि गुना में आयोजित यह सम्मेलन समाज के विकास में इतिहास रचेगा। कार्यक्रम का संचालन विभाग सह संयोजक गिरधारी लाल सेन ने किया ओर आभार संदीप दीक्षित ने माना। कार्यक्रम पश्चात घुमंतू समाज का चल समारोह नगर के प्रमुख मार्गों से निकाला गया जिसको राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कृष्णा गौर जलसा गार्डन गुना से भगवा झंडा फहराकर चल समारोह का आरंभ कराया। यह चल समारोह हनुमान चौराहा, हाट रोड, निचला बाजार, सदर बाजार, सुगन चौराहा होते जयस्तंभ चौराहा पहुंचेगा ओर जयस्तंभ चौराहा पर भारत माता की आरती पश्चात चल समारोह का ए वी रोड होते हुए कार्यक्रम स्थल जलसा गार्डन पहुंचकर जिसका समापन किया गया। चल समारोह का नगर वासियों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। चल समारोह में घुमंतू सामाज जन पारंपरिक वेशभूषा और ऊंट, घोड़ा गाड़ी के साथ निकलें वह उनकी संस्कृति और लोक कलाओं का प्रदर्शन करते हुए नृत्य करते हुए चले। इस अवसर राजेश छारी, रामकृष्ण पाल, धनलाल सपेरा, हेमराज पाल, रामसा बाई अगरिया, मांगीलाल लोहपीटा, भंवर सिंह पारदी, सिलोचना पारदी, कमल सिंह कंजर, अजनीश बाई बेल पारदी मंचासीन रहे।
इस सम्मेलन में घुमंतू समाज महिलाओं सही बड़ी संख्या में विभिन्न समाज जनों ने परिवार सहित सहभागिता कर अपनी बात रखी।
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