घातक हथियारों को लेकर बलवा करने डालें 17 आरोपियों को न्यायिक ने सुनाई तीन-तीन वर्ष के कठोर कारावास और तीन-तीन हजार रुपए के अर्थदंड की सजा
घटना थाना धरनावदा की, अपर सत्र न्यायाधीश महोदय राघौगढ़ ने सुनाई सजा।

गुना (आरएनआई) अपर लोक अभियोजक राकेश व्यास ने बताया कि दिनांक 31/03/2019 को फरियादी जयनारायण ने हमराह अपने चाचा बैजनाथ, भाई अवतार सिंह के पुलिस थाना धरनावदा में उपस्थित होकर इस आशय की मौखिक रिपोर्ट लेख कराईं कि दिनांक 03/12/2018 को उसकी भूमि सर्वे क्रमांक 60/3 रकबा 1.557, साढ़े सात बीघा का सीमांकन होकर सुपुर्दीगीनामा हो चुका था, उक्त भूमि पर उनका कब्जा होकर उन्होंने उसमें गेहूं बोया था । कुछ दिन पहले उन्होंने गेहूं की फसल कटवा कर रख दी थी । उस फसल को वह सभी लोग एकत्रित कर रहे थे तभी पुरैना, पुरैनी ,खेजरा गुरुजी, पगार से यादव समाज के जमनालाल ,मेहरबान, विजय सिंह, गुमान सिंह, लाखन सिंह, ज्ञान सिंह, रामबाबू , नीलम , छुटटा ,गोलू , भगवान सिंह , मलखान सिंह , हल्के भैया , घनश्याम , सुंदरलाल , सुनमान , माखन ,अमर सिंह एवं जमनाबाई एक राय होकर लाठी फारसी लेकर आए और मादरचोद ,बहनचोद की गाली देते हुए बोले कि तुम गेहूं की फसल नहीं ले जा सकते और सभी ने हमला बोल दिया । लखन ने फर्सी फरियादी के दाएं तरफ सिर में मेरी खून निकल आया एक फर्सी जमुना ने मारी जो उल्टी होकर फरियादी की मुंह नाक के पास लगी चोट होकर खून निकल आया फिर भगवान सिंह ने फरियादी के एक लाठी पीठ में मेरी मारी, चोट आई । तभी फरियादी के चाचा बैजनाथ को मेहरबान ने एक फर्सी मारी जो उसके सीधे पैर के पंजे के ऊपर लगी चोट होकर खून निकल आया । तथा ज्ञान सिंह ने एक लाठी चाचा को मेरी जो मुंह नाक के पास लगी तथा एक लाठी हनुमत सिंह ने मारी जो उनके पीठ में लगी तथा सुनमान ने लाठी से फरियादी के भाई की मारपीट की जिससे अवतार सिंह के हाथ के पंजे व कमर में चोट आई । तभी जगमोहन , जीवन , भीमसिंह एवं विजयसिंह ने फरियादी पक्ष को बचाया ,तभी जमनाबाई ,नीलम छुटटा एवं विधि विरोध किशोर ने दौड़कर गेहूं के ढेर में आग लगा दी तथा अभियुक्तगण ने जान से मारने की धमकी दी । फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर से पुलिस थाना धरनावदा में अपराध क्रमांक 157 /19 धारा 323, 294 ,506 ,324, 147 ,148 ,149 ,के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट अभियुक्तगणों के विरुद्ध लेखबद्ध की जाकर विवेचना में ली गई ।
विवेचना के दौरान फरियादी व साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, घटना में प्रयुक्त लाठियां जप्त की गई व तलाशी पंचनामे बनायें गये तथा संपूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियुक्तगणों के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया
प्रकरण सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय होने से प्रकरण को सत्र न्यायालय में कमिट किया गया जो सत्र न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 37/2019 पर दर्ज किया जाकर न्यायालय द्वारा प्रकरण का विचारण प्रारंभ किया गया
अभियोजन की और से प्रकरण के समर्थन में न्यायालय में 11 साक्षीओ को प्रशिक्षित कराया गया व 17 दस्तावेज प्रदर्शित करायें गये,एवं आवश्यक वस्तु ए लगयत डी को न्यायालय में चिन्हित कराया गया
प्रकरण में अभियोजन एवं बचाव पक्ष के तरकू को श्रवण करने के पक्ष न्यायालय यह माना कि अभियोजन अपनी ठोस मौखिक एवं दस्तावेज साक्ष से न्यायालय में प्रकरण को अभियोजन की कहानी की अनुरूप प्रमाणित करने में सफल रहा है और सभी 17 अभियुक्तों को न्यायालय दोषी करार दिया ।
प्रकरण के विचारण के दौरान अभियुक्त नीलम सिंह पुत्र मेहरबान सिंह यादव को न्यायालय द्वारा फरार घोषित कर दिया गया । व प्रकरण के विचारण के दौरान अभियुक्त अमर सिंह पुत्र मांगीलाल यादव फोत हो गया ।
न्यायालय ने शेष सभी 17 आरोपियों को धारा 323/149, धारा 325/149 भा दा वि में तीन - तीन बर्ष के कठोर कारावास एवं तीन - तीन हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया प्रकरण में शासन की और से पैरवी अपर लोक अभियोजक राकेश व्यास द्वारा की गई।
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