घरों में चोरी से बढ़ी पीड़ितों की चिंता; पुलिस ने बढ़ाई गश्त, प्रवेश से पहले अनुमति जरूरी
एक प्रभावित व्यक्ति ने संवाददाताओं से कहा, भूस्खलन त्रासदी के दौरान अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमने अपना घर छोड़ दिया था, लेकिन जब हम उसके बाद अपने घर की स्थिति की जांच करने के लिए वापस लौटे, तो हमने पाया कि दरवाजे टूटे हुए थे।
वायनाड (आरएनआई) केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन से कई गांव तबाह हो चुके हैं, जिसके चलते लोगों को अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अब इन लोगों को अपने घरों में चोरी की डर सता रहा है। विस्थापित लोगों को डर है कि चोर प्राकृतिक आपदा का फायदा उठाकर कीमती सामान चुरा सकते हैं, जिसके कारण पुलिस को रात में गश्त बढ़ानी पड़ी है। कुछ प्रभावित लोगों ने अधिकारियों से चोरी के इरादे से रात में क्षेत्र में प्रवेश करने वालों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने का आग्रह किया है।
एक प्रभावित व्यक्ति ने संवाददाताओं से कहा, भूस्खलन त्रासदी के दौरान अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमने अपना घर छोड़ दिया था, लेकिन जब हम उसके बाद अपने घर की स्थिति की जांच करने के लिए वापस लौटे, तो हमने पाया कि दरवाजे टूटे हुए थे। उन्होंने शिकायत की कि चोरों ने रिसॉर्ट में उनके कमरे को भी निशाना बनाया जहां वे वर्तमान में रह रहे हैं और उनके कपड़े चुरा लिए।
अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि चूरलमाला और मुंडक्कई समेत आपदा प्रभावित इलाकों में पुलिस गश्त शुरू कर दी गई है। बिना अनुमति के रात में प्रभावित इलाकों या पीड़ितों के घरों में प्रवेश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बचाव अभियान के नाम पर या अन्यथा, रात में पुलिस की अनुमति के बिना किसी को भी प्रभावित क्षेत्रों या घरों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
जिले के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में बचाव कर्मियों ने पांचवें दिन बचाव अभियान चलाया। इस दौरान कई शव और शरीर के अंग निकाले, जिससे मरने वालों की संख्या 215 हो गई, जबकि लगभग 206 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
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