ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस को बड़ा झटका, कांग्रेस सरपंचों सहित 100 से अधिक कार्यकर्ता भाजपा में शामिल
ग्वालियर (आरएनआई) ग्वालियर -एक तरफ कुछ दिनों में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ ग्वालियर चंबल अंचल में आने वाली है. वहीं दूसरी तरफ 25 फरवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी ग्वालियर के दौरे पर पहुंच रहे हैं, ऐसे में यहां सियासी पारा हाई है. इस बीच कांग्रेस समर्थित कई सरपंच पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इन सभी नेताओं को भाजपा में शामिल करवाया है. इससे पहले भी कांग्रेस के कई नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.।
दरअसल, शनिवार को ग्वालियर के डबरा पहुंचे पूर्व मंत्री और बीजेपी की न्यू ज्वाइनिंग टोली के अध्यक्ष नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को बीजेपी की सदस्यता दिलाई. बताया जा रहा है कि बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं में कांग्रेस समर्थित चार सरपंच और मंडल अध्यक्ष भी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. सभी नेताओं को नरोत्तम मिश्रा ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सभी कार्यकर्ता पीएम मोदी के साहसिक, दूरदर्शी फैसलों से प्रभावित होकर बीजेपी में आए हैं, इसलिए आप सभी का भाजपा परिवार में स्वागत है।
पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा को बीजेपी ने न्यू ज्वाइनिंग टोली का अध्यक्ष बनाया है, जिसके बाद से अब तक की नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. पार्टी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले नेताओं की जिम्मेदारी नरोत्तम मिश्रा को सौंपी है. ऐसे में नरोत्तम मिश्रा का ग्वालियर-चंबल अंचल पर भी पूरा फोकस बना हुआ है. राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा भी तेज है कि बीजेपी इस बार उन्हें ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा सकती है. हालांकि अब तक इसको लेकर कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 25 फरवरी को मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंच रहे हैं, ऐसे में नरोत्तम मिश्रा भी शाह के दौरे की तैयारियों में जुटे हैं. विधानसभा चुनाव में भी शाह ने इस जोन में पूरा दम लगाया था, लेकिन बीजेपी को उम्मीद के हिसाब से परिणाम नहीं मिले थे, ऐसे में वह लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से एक्टिव नजर आ रहे हैं. बता दें कि ग्वालियर चंबल संभाग में चार लोकसभा सीटें आती हैं. ऐसे में वह बीजेपी नेताओं के साथ आगामी चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं. इस बीच कांग्रेस नेताओं को बीजेपी में शामिल कराकर बीजेपी ने कांग्रेस पर मनोवैज्ञानिक दवाब जरूर बनाने की कोशिश की है।
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