'ग्लोबल साउथ अपने भविष्य को आकार देने के लिए भारत के तरीके पर निर्भर', बोले संयुक्त राष्ट्र के दूत किंग
संयुक्त राष्ट्र में सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की स्थायी प्रतिनिधि इंगा रोंडा किंग ने मंगलवार को कहा कि आज ग्लोबल साउथ में महत्वपूर्ण नेताओं में से एक आपका अच्छा देश भारत है।
वॉशिंगटन (आरएनआई) संयुक्त राष्ट्र के एक दूत ने भारत की सराहना की। उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय भागीदारी के प्रति भारत का दृष्टिकोण पारस्परिक सम्मान और एकजुटता का है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ग्लोबल साउथ अपने भविष्य को आकार देने के लिए भारत के तरीके पर निर्भर है।
संयुक्त राष्ट्र में सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की स्थायी प्रतिनिधि इंगा रोंडा किंग ने मंगलवार को कहा, 'आज ग्लोबल साउथ में महत्वपूर्ण नेताओं में से एक आपका अच्छा देश भारत है।'
सेंटर फॉर ग्लोबल इंडिया इनसाइट्स (सीजीआईआई) और इंडिया राइट्स नेटवर्क ने ‘भविष्य का संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन: भारत और विश्व के लिए इसका क्या अर्थ है’ विषय पर एक ऑनलाइन सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए किंग ने कहा कि बहुपक्षीय संबंधों के लिए भारत का दृष्टिकोण आपसी सम्मान और एकजुटता है।
संयुक्त राष्ट्र में कैरेबियाई राष्ट्र के दूत ने कहा, 'आज ग्लोबल साउथ भविष्य को आकार देने में योगदान देने के भारत के तरीके पर निर्भर है।'
बता दें, यह वेबीनार ऐसे समय में शुरू हुआ है, जब वैश्विक नेता यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ऐतिहासिक भविष्य शिखर सम्मेलन के लिए 22-23 सितंबर को एकत्र होने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 सितंबर को डेलावेयर के विलमिंगटन में राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा आयोजित क्वाड लीडर्स समिट में भाग लेने और 22 सितंबर को लॉन्ग आइलैंड में एक मेगा सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद 23 सितंबर को शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
किंग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आपकी तरह की एकजुटता की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह भारत के नेतृत्व में था कि अफ्रीकी संघ को शामिल करने के लिए जी 20 का विस्तार किया गया था, यही भविष्य है। कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन कूटनीति के लिए भारत का दृष्टिकोण, यही भविष्य का रास्ता है। भारत संयुक्त राष्ट्र विकास भागीदारी फंड, जहां आप भागीदार को यह तय करने के लिए छोड़ देते हैं कि हम आपके द्वारा प्रदान की गई धनराशि का उपयोग कैसे करते हैं - यह आपसी सम्मान और एकजुटता का रास्ता है।
उन्होंने आगे कहा कि यह नया बहुपक्षीय तरीका है, भारत का तरीका - ग्लोबल साउथ के भीतर एकजुटता। भारत जिस तरह से बहुपक्षवाद को मानता है, उससे मैं बहुत प्रभावित हूं।
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