ग्रेटर नोएडा के गर्ल्स हॉस्टल में आधी रात घुसे गुंडे, खटखटाते रहे दरवाजे, 172 पॉलिटेक्निक छात्राएं घर लौटीं
ग्रेटर नोएडा के कुमारी मायावती गवर्नमेंट गर्ल्स पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्राएं सुरक्षा के अभाव में हॉस्टल छोड़ रही हैं। आधी रात को पुरुषों का एक समूह कैंपस में घुसा और दरवाजे खटखटाए। कॉलेज में सुरक्षा गार्डों और हॉस्टल वॉर्डन की कमी है। जिला मजिस्ट्रेट ने मामले की जांच और सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
नोएडा (आरएनआई) ग्रेटर नोएडा के बादलपुर में कुमारी मायावती गवर्नमेंट गर्ल्स पॉलिटेक्निक कॉलेज में 187 में से 172 छात्राएं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। ये अपने हॉस्टल छोड़कर घर लौट गई हैं। रविवार आधी रात के बाद कुछ लोगों का एक समूह कैंपस में जबरन घुस गया था। इस घटना के बाद सोमवार को कैंपस में विरोध प्रदर्शन हुए। छात्राओं ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि पिछले एक हफ्ते में ये लोग इस तरह बार-बार ऐसी घुसपैठ कर चुके हैं।
लेकिन हाल ही में हुई घटना इसलिए ज्यादा डरावनी थी क्योंकि इन लोगों ने छात्राओं के दरवाजे भी खटखटाए थे। फर्स्ट इयर की एक स्टूडेंट ने बताया, हम लोग डर गए थे क्योंकि हमने देखा कि पुरुषों का एक समूह, जिसमें ज़्यादातर की उम्र 25 से 40 के बीच थी, खिड़कियों से झांक रहे थे। जब हमने मदद के लिए शोर मचाया तो तो हमारी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था। यह छात्रा अपने घर गोरखपुर वापस पहुंच गई है।
सेकंड ईयर की एक दूसरी छात्रा ने कहा कि महिलाएं इसी डर से रात में शौचालय जाने से बचती हैं। उसने कहा, 'सुरक्षित महसूस करने के लिए, छात्रावास में रहने वाली सभी 15 लड़कियां एक कमरे में रहने लगी हैं। ये सभी रात में जागकर निगरानी करती हैं।' यह छात्रा भी अपने घर अलीगढ़ वापस चली गई।
कॉलेज के एक अधिकारी के अनुसार, परिसर में चार हॉस्टल हैं। लेकिन 22 साल पहले खुले इस कॉलेज में कभी भी हॉस्टल वॉर्डन की नियुक्ति नहीं हुई। दूसरी समस्या है अपर्याप्त सुरक्षा की। कॉलेज के प्रिंसिपल श्याम नारायण सिंह ने कहा, 2002 में खुलने के बाद से कॉलेज में सुरक्षा गार्ड के सिर्फ चार पद हैं। दिन में दो और रात में दो गार्ड वैकल्पिक शिफ्ट में तैनात रहते हैं। अगर उनमें से एक भी छुट्टी पर चला जाए, तो व्यवस्था करना मुश्किल हो जाता है।
यह सरकारी आवासीय कॉलेज है, इसलिए यहां नए पद केवल शिक्षा विभाग ही बना सकता है। सिंह के मुताबिक, कॉलेज की शुरुआत में केवल एक हॉस्टल था, लेकिन तब से छात्राओं की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि परिसर में कम से कम 12 गार्ड और हॉस्टल वॉर्डन के पदों की जरूरत है।
कॉलेज में पढ़ाने वाले एक शिक्षक ने बताया, विकल्प के रूप में, शिक्षकों को रात में हॉस्टल वॉर्डन का काम करने के लिए कहा गया था, लेकिन दिन में कक्षाएं लेने के बाद 24 घंटे काम कौन करना चाहेगा? इस काम के लिए कोई अलग से पेमेंट की व्यवस्था भी नहीं है।
कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, परिसर में 16 सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रावधान है, लेकिन वर्तमान में केवल 10 लगाए गए हैं, उनमें से भी केवल 6 चालू हैं। यहां रहने वाली छात्रों का आरोप है कि उन्होंने हाल के हफ्तों में कैंपस में ड्रोन देखे हैं। एक छात्रा ने कहा, 'ऐसा लगता है कि कुछ लोग लगातार हमारी जासूसी कर रहे हैं। हमने कुछ बार ड्रोन देखे हैं। हममें से कुछ लोग इसकी आवाज सुनकर हॉस्टल की छत पर भी चले गए। हम तभी वापस आएंगे जब हमारी सुरक्षा सुनिश्चित हो जाएगी।
मंगलवार को पुलिस ने बताया कि उन्होंने प्रदर्शनकारी छात्राओं से बात की है। रात में कॉलेज के आस-पास के इलाके में गश्त बढ़ा दी है। कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हम छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इलाके का निरीक्षण कर रहे हैं।' जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) और अन्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों को छात्रावासों का निरीक्षण करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा, सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
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