बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड पटना एवं निफ्ट पटना द्वारा नेशनल हैंडलूम दिवस पर विशेष फ़ैशन प्रदर्शनी का आयोजन
प्रोफ़ेसर एवं छात्र छात्राओं ने एथनिक रैंप वॉक से प्रदर्शित की बिहार की विविध हथकरघा। (उमेश कुमार विप्लवी)
पटना/हाजीपुर (आरएनआई) बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड पटना एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी पटना द्वारा राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस के विशेष अवसर पर एथनिक फैशन प्रदर्शनी का संयुक्त आयोजन किया गया। “सस्टैनबल भविष्य" थीम पर आयोजित ।
इस फैशन प्रदर्शनी का उद्देश्य हथकरघा उत्पादों के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देना और हथकरघा बुनाई के उत्कृष्ट शिल्प को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर सम्मानित अतिथि पद्मश्री शिवन पासवान, पद्मश्री शांति देवी, पद्मश्री दुलारी देवी, पद्मश्री बौआ देवी एवं पद्मश्री अशोक कुमार विश्वास शामिल थे। आयोजन में बिहार खादी के डिज़ाइनर्स सुभाष कुमार एवं विशाल कुमार द्वारा नवनिर्मित खादी परिधानों को रैंप पर निफ्ट पटना के छात्र-छात्राओं द्वारा उतारा गया। इस संबंध में निफ्ट पटना के निदेशक कर्नल राहुल शर्मा ने अपने उपस्थित सभी अतिथिगण, अधिकारियों, प्रोफ़ेसर एवं छात्र-छात्राओं से दैनिक जीवन में खादी पहनने और उपयोग करने की अपील की। उन्होंने महात्मा गांधी के इस कथन को याद किया कि "अगर हमें आर्थिक गुलामी से छुटकारा पाना है, तो हमें अपना कपड़ा खुद बनाना होगा"। पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती बउआ देवीजी ने कहा कि वह एक जमीनी स्तर की कलाकार हैं और वह एक साधारण पृष्ठभूमि से आती हैं। वह लोगों को हमेशा से स्थानीय उत्पादों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करती आई है।
पूरे दिन चलने वाले समारोह में "सेल्फी इन हैंडलूम" गतिविधि का आयोजन किया गया, जिसमें उत्साहित प्रतिभागियों ने अपने कला का प्रयोग कर हैंडलूम वस्त्रों की कलाकृति को प्रदर्शित किया।
बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड पटना के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय ने बताया कि “हथकरघा उत्पादों के प्रदर्शन-सह-बिक्री", में स्वर्गीय श्री कपि देव, नालंदा के बावनबूटी और प्रतिभाशाली नालंदा स्थित बावनबूटी कारीगर श्री अखिलेश जी जैसे प्रसिद्ध कारीगरों की हस्तनिर्मित उत्कृष्ट कृतियों का स्टाल लगाया गया है जिनमें बिहार के कलात्मक अतीत की भावना को दर्शाया गया।
इस अवसर पर विशिष्ट सम्माननीय अतिथियों में शामिल थे: डॉ. राणा सिंह, निदेशक सीआईएमपी, श्री कुमोद सिंह, अकादमिक प्रशासक, सीआईएमपी पटना, श्री सौरंद्र चटर्जी, एसोसिएट निदेशक, इलास्टिकरन, डॉ. ऋषि कांत, सहायक प्रोफेसर सीआईएमपी पटना और श्री दीपक शामिल रहे।
सभी फैकल्टी, निदेशकों और छात्रों द्वारा एक "एथनिक वॉक" किया गया जिसने कार्यक्रम के अंत में लोगों में उत्साह भर दिया। उत्सव का समापन निफ्ट पटना के प्रतिभाशाली छात्रों द्वारा ऊर्जामैय "सांस्कृतिक प्रदर्शन" से हुआ। छात्रों ने गीत और नृत्य के माध्यम से अपनी कलात्मक अभिव्यक्तियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। निफ्ट पटना में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर कला, संस्कृति और नवाचार के शानदार संगम द्वारा हमारे देश के हथकरघा इतिहास के संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इस आयोजन ने कलाकारों, बुनकरों और छात्रों को हथकरघा के प्रति अपने कला को बेहतर रूप से प्रदर्शित करने का आदर्श मंच प्रदान किया।
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