गौडीय सम्प्रदाय की बहुमूल्य निधि थे अच्युतानंद दास महाराज : बाबा बलरामदास देवाचार्य
वृन्दावन। पत्थरपुरा स्थित श्रीगोपालजी मन्दिर (श्री माध्वगौड़ेश्वर आश्रम) में श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज का 17वां त्रिदिवसीय वार्षिक तिरोभाव महोत्सव विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ धूमधाम से प्रारम्भ हो गया है।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन हुआ।जिसका शुभारम्भ याज्ञिकरत्न आचार्य विष्णुकांत शास्त्री ने मंगलाचरण करके किया।
पीपाद्वाराचार्य जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज गौडीय सम्प्रदाय की बहुमूल्य निधि थे। उन्होंने अपने सम्प्रदाय का संवर्धन करने के लिए अनेकों ठोस कार्य किए। जिस पर गौडीय सम्प्रदाय आज भी गर्व की अनुभूति करता है।
महामंडलेश्वर सच्चिदानंद दास शास्त्री महाराज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज श्रीधाम वृन्दावन के प्राचीन स्वरूप के परिचायक थे। उन्होंने श्रीधाम वृन्दावन में साधनारत रहकर श्रीराधाकृष्ण की कुंज लीलाओं का दर्शन किया था।
चतु:सम्प्रदायाचार्य के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज व श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज जैसी पुण्यात्माएं पृथ्वी पर कभी कभार ही अवतरित होती हैं। उन जैसी विभूतियों से ही पृथ्वी पर धर्म व अध्यात्म का अस्तित्व है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज परम भजनानंदी व वीतरागी संत थे।वह अपनी मात्र ढाई वर्ष की अवस्था में ही श्रीधाम वृन्दावन आ गए थे। यहां उन्होंने अपनी सौ वर्ष की अवस्था तक आजीवन अखंड वास किया।
जगद्गुरु स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज व श्रीमद्भागवत के प्रकांड विद्वान डॉ. अच्युतलाल भट्ट ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज नाम निष्ठ व धाम निष्ठ संत थे। वे सहजता, सरलता, उदारता व परोपकारिता की प्रतिमूर्ति थे।
महंत आचार्य रामदेव चतुर्वेदी व पूर्व प्राचार्य डॉ. रामकृपाल त्रिपाठी ने कहा कि श्रीमहंत अच्युतानंद दास महाराज संत समाज के गौरव थे।सभी संप्रदायों के संत उनका सम्मान करते थे।
महोत्सव में काठिया बाबा आश्रम के महंत सदगुरुदेव दास महाराज,महंत सुंदरदास महाराज, महंत रामस्वरूप दास महाराज, पुराणाचार्य डॉ. मनोज मोहन शास्त्री,महंत किशोरी शरण भक्तमाली महंत आदित्यानंद दास महाराज,भागवताचार्य गोपाल भैया,पंडित वनबिहारी पाठक,पार्षद शशांक शर्मा, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा आदि की उपस्थिति विशेष रही।
संचालन डॉ. रमेश चंद्राचार्य महाराज (विधिशास्त्री) ने किया।महोत्सव के अंतर्गत ठाकुर श्रीगोपालजी महाराज का भव्य व दिव्य फूल बंगला सजाया गया।
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