गौ सेवा मिशन से जुड़कर गौ सेवा में सहयोग करें सभी सनातन धर्मावलंबी : स्वामी कृष्णानन्द महाराज "भूरी वाले"

डॉ. गोपाल चतुर्वेदी

May 11, 2024 - 19:53
 0  486
गौ सेवा मिशन से जुड़कर गौ सेवा में सहयोग करें सभी सनातन धर्मावलंबी : स्वामी कृष्णानन्द महाराज "भूरी वाले"

वृन्दावन (आरएनआई) अक्रूर घाट स्थित श्रीपंचमुखी हनुमान मंदिर में गौसेवा मिशन के द्वारा गौ-राष्ट्र रक्षा, श्रीकृष्ण जन्मभूमि व काशी विश्वनाथ मुक्ति हेतु चल रहे 40 दिवसीय श्रीहनुमंत जन्म महोत्सव में गौसेवा मिशन के अध्यक्ष, प्रख्यात संत, गौ कृपा मूर्ति स्वामी कृष्णानन्द महाराज "भूरी वाले" ने कहा कि गौ सेवा मिशन के द्वारा गौ माता की सेवा एवं पालन-पोषण के लिए गौ चारा कोश की स्थापना की गई है।जिसके द्वारा समूचे देश की निराश्रित और असहाय गायों 
को निःशुल्क चारा उपलब्ध कराया जा रहा है।उसी के निमित्त जगह-जगह श्रीमद्भागवत कथाएं कराई जा रही है। इसीलिए हम सभी सनातन धर्मावलंबियों आग्रह करते हैं कि वे हमारे मिशन जो जुड़कर गौ सेवा में सहयोग प्रदान करें।
महोत्सव के अंतर्गत चल रही सप्त दिवसीय अष्टोत्तरशत श्रीमद्भागवत कथा में व्यासपीठ से विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य मृदुलकांत शास्त्री ने सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीकृष्ण जन्म की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि ऋषि-मुनियों की वाणी सिद्ध करने के लिए स्वयं भगवान नारायण नर रूप में पृथ्वी पर अवतरित होकर उनकी भक्ति को सुदृढ बनाते हैं।पृथ्वी पर जब-जब पाप व अधर्म बढ़ने लगता है और धर्म का क्षय होने लगता है, तब-तब धर्म की पुनः स्थापना व पापियों व अधर्मियों का नाश करने के लिए भगवान नारायण प्रत्येक युग में पृथ्वी पर अवतरित होते हैं।द्वापर युग में आतातायी कंस के अत्याचारों से त्रस्त संत, वैष्णव, ब्रजवासियों की रक्षा करने के लिए भगवान नारायण ने श्रीकृष्ण के रूप में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में कंस के कारागार में अवतार लिया था।
उन्होने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को यदि वर्तमान परिपेक्ष्य में देखा जाए तो वे न केवल भगवान हैं, अपितु वर्तमान और हर युग के सर्वश्रेष्ठ गुरु भी हैं।हम सभी को इनकी नित्य पूजा करने के साथ-साथ इनके द्वारा बताए गए सद्मार्ग को अपने जीवन में धारण करना चाहिए।तभी हमारा कल्याण हो सकता है।
इस अवसर पर बालकृष्ण की अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक झांकी सजाई गई।साथ ही नदोत्सव की बधाइयों का गायन किया गया।इसके अलावा मेवा-मिष्ठान, खेल-खिलौने, रुपए-कपड़े व बर्तन आदि लुटाए गए।
महोत्सव में याज्ञिक रत्न आचार्य विष्णुकांत शास्त्री, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, स्वामी अवधेशानंद महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.