नई दिल्ली। कहने को तो हर पार्टी और हर नेता अपने को गौ भक्त कहता आया है पर आजादी के बाद के 78 वर्षों का आंकड़ा बहुत स्पष्टता से यह कह रहा है कि अभी तक देश की सत्ता में वह दल या दिल रखने वाला नेता नहीं पहुंचा है जो गाय को माता कहकर पुकार सके और गौ हत्यारों को दंडित करने के लिए कानून बना सके । इसलिए अब गौ भक्तों के लिए हर हिन्दू को गौ मतदाता बनकर गौ रक्षा का अपना दायित्व निभाना होगा c
उक्त उद्गार 'परमाराध्य' परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री: अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 1008 ने आज दिल्ली के कांस्टिट्यूशन क्लब के सभागार में उपस्थित पत्रकारों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए ।
ज्ञात हो कि 'परमाराध्य' ने गौप्रतिष्ठा आंदोलन के अंतर्गत आज पूरे दिन दिल्ली की सड़कों पर यात्रा कर विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर स्वयं जाकर उनसे सीधा सवाल पूछा कि आप गौ रक्षा के पक्ष में हैं या विपक्ष में?
'परमाराध्य' ने आगे कहा कि हर दल सनातनी जनता से छल करता आ रहा है । नेता लोग सनातनी जनता के सामने स्वयं को गौ भक्त बताते हैं और बाद में आंकड़े बिल्कुल इसके विपरीत आते हैं। अब जब यह स्पष्ट हो गया है कि कोई भी दल गाय के साथ नहीं खड़ा है तब यह दायित्व हर उस मतदाता का हो जाता है, जो गौ हत्या नहीं चाहता । इसलिए अब हर गौ भक्त मतदाता को गौ रक्षा के लिए मतदान का संकल्प लेना होगा ।
आज हम रामलीला मैदान में दिन भर प्रतीक्षा कर सभी राजनीतिक दलों का रुख जानना चाहते थे कि कौन गाय के पक्ष में है और कौन विपक्ष में। रामलीला मैदान की परमिशन भी हमने ले ली थी, लेकिन ऐन वक्त पर 3 दिन पहले परमिशन को रद्द कर दिया गया। कहा गया कि लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ सकता है ।
हमने सोचा कोई नहीं हमें तो प्रतीक्षा करनी है दिल्ली की सड़कों पर घूमते हुए कर लेंगे । रास्ते में जो पार्टी कार्यालय हैं उनसे बात करेंगे कि आपका क्या मत है। लेकिन जब हम घोगा गाँव से निकलने के लिए अपनी गाड़ी में बैठे तो दिल्ली पुलिस ने हमारी गाड़ी के आगे के ट्रक खड़े कर दिये और हमें आगे नहीं बढ़ने दिया, 3 घंटे तक नज़र बंद करके रखा । पूरे गाँव को पुलिस ने छावनी बना दिया। रास्ते में रस्से बांध दिए गए ताकि हम पैदल भी न जा सकें । 3 घंटे लगातार बातचीत करने के बाद हमें वहां से रवाना होने दिया ।
हम कुछ पार्टी कार्यालयों के सामने गए तो उनके प्रतिनिधियों ने कहा कि हम अपने लोगों से बात करके स्पष्ट करेंगे, लेकिन सबसे बड़ी विडंबना हमें सत्ताधारी पार्टी के कार्यालय यानी बीजेपी दफ्तर में देखने को मिली, जहां हमें डेढ़ सौ मीटर पहले ही बेरिकेटिंग लगाकर रोक दिया गया।
हम चलाएंगे पंच सूत्रीय कार्यक्रम:
गौ रक्षा सुनिश्चित करने के बाद अब पंच सूत्रीय कार्यक्रम चलाया जाएगा, जो इस प्रकार हैं...
1. गाय-गवय की साफ पहचान।
2. कम से कम 33 कोटि गौ मतदाता को संकल्प कराना।
3. 3 लाख रामाधाम का निर्माण/संचालन
4. बूचडख़ानों पर धावा।
5. गौ रक्षा सेना द्वारा राज्यों की सीमा पर चौकसी।
गाय हमारी माता है, उसमें पवित्रता विद्यमान है। उनका मल-मूत्र स्वयं तो पवित्र है ही; हम अपवित्र को भी पवित्र कर देता है। यह गुण शुद्ध गाय में ही विद्यमान है, जिन्हें हम देसी गाय या रामा गाय के नाम से जानते हैं।
विदेशी नस्ल की गाय जैसी दिखने वाली प्रजाति हमारी वेदलक्षणा गाय नहीं है और उसके दूध या गोबर-गौमूत्र में वे गुण नहीं, जिनके लिए गाय को जाना गया है। यही स्थिति संकरीकृत प्राणी की भी है, वह गाय जैसी है पर गाय नहीं।
संस्कृत भाषा में जो गाय जैसा हो, पर गाय न हो उसे गवय कहा जाता है इसलिए हमारी पहली जरूरत गाय और गवय के भेद को स्पष्ट रूप से जान लेने की है ।
33 कोटि गौ मतदाता -
वैसे तो हर गौ प्रेमी हिन्दू को गौ मतदाता होना चाहिए, पर गौ माता की रक्षा के लिए 33 कोटि गौ मतदाताओं को संकल्पित कराने के लिए हमें काम करना होगा ।
गणपति सहस्त्रनाम और गौसूक्त आदि मंत्रों से आहुति देकर प्रतीक्षा दिवस की शुरुआत हुई ।
प्रातः सूर्योदय के साथ ही प्रतीक्षा दिवस की शुरुआत हुई। प्रातः 6:30 बजे से ही यज्ञ और अनुष्ठान का क्रम शुरु हुआ और शंकराचार्य जी महाराज के सान्निध्य मे पूर्णाहुति सम्पन्न कर देवताओं से गौरक्षा की प्रार्थना की गई ।
कार्यक्रम में गोकृपाकांक्षी गोपालमणि जी महाराज, विकास पाटनी, देवेन्द्र पाण्डेय, बाबा गोप्रतिष्ठानन्द, स्वामी नारायण तीर्थ, श्रीमद्ज्योतिर्मयानंद सरस्वती, श्रीनिधिरव्यानन्द सागर, अप्रमेयशिवसाक्षात्कृतानंदगिरि, ब्रह्मचारी शारदानंद, गार्गी पंडितजी, किशोर भाई दवे, बाबूलाल जांगिड, आजाद आर्य, गोपालदास, सचिन दुबे, अजय गौतम, महेश आहूजा, विनय कक्कड, अरविन्द भारद्वाज, संजय जैन, राजीव झा, अमित शर्मा आदि मौजूद रहे ।