गोरक्षक दल पर पुलिस ने क्यों बरसाईं लाठियां...गोभक्तों में आक्रोश, महापंचायत के बाद मार्ग किया जाम
गोरक्षक दल के कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज और कानूनी कार्रवाई का विरोध जताया। सभा के बीच में ही आक्रोशित गोभक्त रमणरेती मार्ग पर जाम लगाकर प्रदर्शन करने लगे।
मथुरा (आरएनआई) मथुरा-वृंदावन मार्ग स्थित धौरेरा के जंगल में मृत मिले गोवंश के अवशेषों पर हुए हंगामा को लेकर सोमवार को राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ के आह्वान पर रमणरेती मार्ग स्थित महर्षि परशुराम पार्क में महापंचायत की गई। इसमें विभिन्न संगठन के कार्यकर्ता एवं गोभक्तों ने गोरक्षक दल के कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज और कानूनी कार्रवाई का विरोध जताया। सभा के बीच में ही आक्रोशित गोभक्त रमणरेती मार्ग पर जाम लगाकर प्रदर्शन करने लगे। आनन-फानन दो थानों का पुलिस बल और अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लिया और जाम खुलवा दिया।
सोमवार को पार्क में आयोजित पंचायत में जयश्रीराम के जयघोषों के बीच शुक्रवार को गोभक्तों पर हुई लाठीचार्ज और कानूनी कार्रवाई की निंदा की है। साथ ही सांसद एवं विधायकों के इस मामले में मौन रहने पर भी रोष व्यक्त किया और उन्हें निष्क्रिय करार दिया। राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ के संस्थापक चंद्रलाल शर्मा ने कहा कि मथुरा-वृंदावन भगवान श्रीकृष्ण की गोचारणभूमि रहा है। सभी ब्रजवासियों ने गाय को माता के रूप में पूजा है। इसे लेकर जल्द ही डीएम से एक प्रतिनिधिमंडल मुलाकात कर गोभक्तों को मुक्त कराने और उन पर लगे मुकदमों को वापस लेने एवं दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य आनंद वल्लभ गोस्वामी एवं आचार्य बद्रीश ने कहा कि प्रशासन को गोभक्तों से शांतिपूर्ण वार्ता करनी चाहिए थी न की उन पर कार्रवाई। आचार्य मृदुल कांत शास्त्री एवं पंकज शास्त्री ने कहा कि डीएम से मिलकर गोभक्तों की समस्या का समाधान निकालेंगे। उन्होंने कहा कि जब प्रशासन ने सौभरि वन के निकट गोसमाधि स्थल बना दिया है तो धोरैरा के जंगल में गोवंश अवशेष कहां से आए इस पर प्रशासन को जांच करनी चाहिए न कि गोभक्तों के खिलाफ कार्रवाई।
पंचायत में हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष संजय हरियाणा, विजय हिंदू, बिट्टू बजरंगी, डाॅ. मनोज मोहन शास्त्री, जगदीश नीलम, ब्रह्मदेव द्विवेदी, नीरज, गोविंद शर्मा, अमर बिहारी पाठक, राजू भैया आदि मौजूद रहे।
गोभक्त बिट्टू बजरंगी ने बताया कि सरकार एक तरफ गो संरक्षण पर जोर दे रही है तो दूसरी तरफ जिला प्रशासन गोरक्षकों पर लाठी बरसा रहा है। जो कि अति निंदनीय है। गोरक्षा के लिए लाठी खाना ही नहीं मर मिटने को भी तैयार है। यदि गोरक्षकों को नहीं छोड़ा और केस वापस नहीं लिए तो आंदोलन होगा।
विदेशी महिला पद्मश्री सुदेवी दासी का कहना है कि गोभक्तों पर लाठीचार्ज करना प्रशासन का निंदनीय कदम है। जंगल में मृत गोवंश को डालने वालों पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने गोरक्षकों पर कानूनी कार्रवाई की। यह ठीक नहीं, इस पर शासन और प्रशासन को विचार करना चाहिए और गोरक्षकों को छोड़ना चाहिए।
सीओ सदर संदीप कुमार सिंह ने कहा कि महापंचायत की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। अस्थायी निषेधाज्ञा लागू होने के बाद भी पंचायत हुई है। इसकी जांच कराई जा रही है।
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