गुनिया के प्रारंभ से अंत तक हर जगह है अतिक्रमण ओर कब्जा, पूर्व से अबतक प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही से शहर की 7 किलोमीटर की शान गुनिया अब खत्म की कगार पर
समाजसेवियों ने ngt में लगाया प्रकरण, चार साल बाद भी आदेश पर अमल नही, नेतागिरी में एनजीटी के आदेश का उल्लंघन।
गुना (आरएनआई) शहर की शान ओर बुजुर्गों की धरोहर के रूप में कल कल बहती गुनिया नदी प्रशासन की हिला हवाली से बस खत्म होने की कगार पर है। यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि शहर के समाजसेवी तथा जागरूक नागरिक इसको बचाने जद्दोजहद करते हुए ngt तक पहुंचे, बतादे की सालों प्रकरण के वाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कई साल पहिले आदेश दिया था, लेकिन जिला प्रशासन के जिम्मेदार आदेश को दवाए वैठे रहे है, नतीजन अवेध अतिक्रमण ओर कब्जा करने वालो ने इस गुनिया नदी का समूल खत्म करने का अभियान छेड़ा हुआ है।
यहां बतादे कि गुनिया नदी सिंगवासा के गोकुल कुण्ड से आरंभ होकर, शहर के मध्य के 7 वार्डों से निकलते हुए, पिपरोदा खुर्द में पनरिया व ओड़िया नदी से मिल कर एक त्रिवेणी संगम बनाती है। यहाँ से इसका नाम नेगरी नदी हो जाता है, इसी नेगरी नदी पर आगे चल कर मकरोदा डेम बना है।
गुनिया नदी में हर जगह है अतिक्रमण, प्रशासन और नपा की लापरवाही से अतिक्रमण
गुनिया नदी पूरी की पूरी नदी अतिक्रमण की शिकार है पर मुख्य रूप से लूशन बगीचे से बांसखेडी तक कुल 300 मीटर के हिस्से में तो नदी को कब्जाधारियों ने 10 फीट की नाली ही बना दिया गया है। इस पूरी नदी पर प्रभावशाली लोगों ने किन किन स्पॉट पर बाधित किया वह प्रशासन और नगर पालिका को मालूम है। लेकिन नतीजा यह है कि कलेक्ट्रेट कार्यालय से आधा किलोमीटर दूर ही लूशन बगीचे से बांसखेडी तक नदी कुल 300 मीटर बची है। जिसको बचाने बाले प्रशासनिक अनदेखी के चलते लाचार है।
90 फुट चोड़ी नदी है अब कुछ फुट बची है
नदी अलग अलग हिस्सों में अलग अलग चोंडाई की है। फिर भी एवरेज 90 फीट तो हर जगह है ही।
नदी में चले अभियान
समाजसेवियों का कहना है कि स्वच्छता को लेकर गुनिया में भी सफाई चले व अतिक्रमण हटे,कैंची बीड़ी व बड़े पुल सहित निचले रपटें ओर आगे मकरावदा तक यह तत्काल होना चाहिए, नदी के पूरे रकबे में सफाई हो, दोनों तरफ पक्के नाली बनें जिनसे होकर किनारों के घरों के निस्तार का गंदा पानी गुजरे।
कब्जे-अतिक्रमण हटाने के लिए मुहिम चलना चाहिए या अर्थदंड लगना चाहिए, वही प्रशासन नगरपालिका को अतिक्रमण हटाने को लेकर मुहिम चालू करना चाहिए, कचरा डालने बालों पर प्रतिदिन दंड भी हो।
जानकार बताते है कि कुछ विधि से जुड़े लोगों ने कब्जा किया उसका निदान अतिक्रमण हटाकर मिशाल कार्यवाही हो। जिला प्रशासन के तत्कालीन कलेक्टर इस गंभीर मामले पर सख्त कार्यवाही करे,जबकि क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय मंत्री की भी यही मंशा हैं जो कि वह सार्वजनिक मंच से कह चुके हैं।
इसके अलावा भूमाफियाओं और कोलोनाइजरों की 130 लोगो की लिस्ट जांच के बाद कार्यवाही हेतु प्रशासन के पास कार्यवाही नोटिस और fir के लिए रखी हैं। जिनकी रिपोर्ट पूर्व कलेक्टर के समक्ष तहसीलदार ने पेश की हैं।
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