गुना शहर के नालो के बीचों-बीच खड़े किए आलीशान मकान, प्रशासन मौन
जनहित में बुद्धिजीवी वर्ग व आमजन ने कलेक्टर से गुना शहर को बारिश में बचाने की अपील की
गुना। अविकसित विकास ओर आने वाली भारी बारिश में गुनिया नदी,भुजरिया तालाब, सिंगवासा तालाब, पनारिया नदी में पानी के सेलाव से 37 वार्डो को डूबते हुए विनाश की ओर बढ़ते गुना को बचाने बुद्धिजीवी नागरिक-आमजन आगे आ गए है,उन्होंने मांग की है कि अवेध निर्माण पर कार्यवाई करे प्रशासन।
आमजन ने कहा है कि नगरपालिका में अराजकता व सफाई आदि में अनियमितता व्याप्त है-इसके बाद विकास के लिए वोटिंग सोशल मीडिया पर करने की अपील की जा रही है जो व्यर्थ है क्योकि बेतरतीब कब्जा,अवेध निर्माण से नदी, नाले,तालाब खत्म की ओर ही है।
शहर के बीचों बीच जीवनदायनी गुनिया नदी पर अवैध कब्जा के बाद एक साल में सीमांकन नही हुआ,जबकि वर्तमान कलेक्टर ने एक साल पहिले निर्देश-फिर आदेश दिए जाने की जानकारी है।
वही भुजरिया तालाब भी खत्म होने की कगार पर है,तीन साल पहिले करोड़ो खर्च करके पार ओर हजारो टन मिट्टी से टापू बनाकर नोकायन के सपने ने तालाब पुरकर तालाब को अंतिम की ला दिया है, सूत्र बताते है कि पूर्व के अभियान में कई घरों में चूल्हे भी जले है।
ऐसा हाल कुछ सिंगवासा तालाब पर भी हुआ है और लगातार चल रहा है।
वही सरस्वती कॉलोनी-नजूल कॉलोनी में बहते 40 फुट के नाले पर कब्जा करते हुए नाले की बीचों बीच मे उसकी जमीन पर आलीशान मकान खड़े हो गए, जिसमे राजस्व विभाग और नगरपालिका कुम्भकर्णी नींद सो रही है। जनहित में खबर प्रकाशित करते हुए आमजन कलेक्टर, sdm, तहसीलदार सहित cmo से मांग करती है कि कुछ कार्यवाई तो करे, दोषियों पर fir दर्ज कराए, अतिक्रमण हटाए व दोषी राजस्व कर्मियों सहित नपा कर्मियों पर दंडात्मक कार्यवाही करें,फिर अगर जनता जनहित में कोर्ट जाती है तो प्रशासन द्वारा बहाने बनाए जाते है,मांग है कि बारिस के पूर्व शहर को बचाए।
What's Your Reaction?