गुना में हत्यारे प्रेमी-प्रेमिका को उम्रकैद
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की कर दी थी हत्या
गुना। जिले के म्याना इलाके में वर्ष 2021 में हुई युवक की हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई है। उसकी पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। पत्नी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता थी। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जिसके बाद उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। कोर्ट ने आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले में फैसला विशेष न्यायाधीश, एट्रोसिटी एक्ट रविन्द्र कुमार भद्रसेन ने सुनाया। वहीं शासन की ओर से पैरवी DPO एचएल बैरवा और AGP परवेज अहमद खान ने की।
मामला वर्ष 2021 के अगस्त महीने का है। म्याना इलाके के गोमचीखेड़ा निवासी धन सिंह भील (55) ने बताया था कि वह खेती करता है। उसका लडका हरिसिंह भील अपने परिवार पत्नी-बच्चों के साथ गोमचीखेड़ा में खेत पर घर पर रहता था। वह अपने परिवार के साथ घाटी के नीचे रहता था। 18 अगस्त की सुबह करीब 6 बजे धन सिंह का समधी गोलू उसके पास आया। उसने बताया कि हरिसिंह घर के बाहर मरा पड़ा हुआ है। तब वह अपने समधी के साथ खेत पर पहुंचा। वहां उसने देखा कि उसका लड़का हरिसिंह निवाड़ के पलंग पर पड़ा हुआ था। उसके गर्दन के पीछे गहरी चोट थी, जिससे खून बह रहा था।
मौके पर से डायल 100 को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की। जांच में यह सामने आया कि हरिसिंह की पत्नी सुशीला बाई ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर हत्या को अंजाम दिया था। म्याना में रहने वाले एक व्यक्ति से उसके संबंध थे। महिला के पति हरिसिंह को इस बार मे पता चल गया था।
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा, प्रकरण के तथ्यों और परिस्थितियों, उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त को आजीवन कारावास का दंड दिये जाने से न्याय के उद्देश्यों की पूर्ति हो सकती है। अभियुक्त नवीन प्रजापति आजीवन कारावास के अंतर्गत जेल में निरुद्ध रहकर इस बात का प्रायश्चित्त करता रहेगा कि उसके द्वारा एक परिवार के मुखिया हरीसिंह की गोली मारकर हत्या कारित कर दी। आरोपी सुशीलाबाई भी आजीवन कारावास के अंतर्गत जेल में निरुद्ध रहकर यह अवश्य सोचेगी कि उसके द्वारा अपने पति की हत्या में शामिल रहकर विवाह जैसे पवित्र बंधन को कलंकित करने का कार्य किया है।
प्रेम प्रसंग में हुई हत्या
हत्या के इस मामले की पुलिस द्वारा की गई जांच में यह सामने आया कि मृतक की पत्नी के म्याना निवासी नवीन प्रजापति से संबंध थे। इस बात को लेकर मृतक व उसकी पत्नी के बीच आए दिन झगड़ा होता था। जांच में सामने आई इस बात के बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर नवीन प्रजापति को तत्काल म्याना चौराहे से हिरासत में लेकर पूछताछ की। पहले वह पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने हत्या का सारा राज उगल दिया।
उसने बताया कि मृतक हरि सिंह की पत्नी से उसके काफी दिनों से संबंध थे, जिसके कारण उसका मृतक के घर आना-जाना लगा रहता था। यह बात हरि सिंह को पता चल गई और जो आए दिन उसकी पत्नी के साथ मारपीट करने लगा। इसी बात से खफा होकर उसने मौका पाकर 17-18 अगस्त की रात्रि में जब हरि सिंह अपने घर के आंगन में करवट लेकर सो रहा था तभी उसने हरि सिंह की गर्दन में पीछे से 315 बोर के कटटे से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस द्वारा आरोपी की निशादेही से घटना में इस्तेमाल किए गए 315 बोर का कट्टा भी बरामद कर लिया था।
शुरुआत में इस मामले में पुलिस ने हत्या की धारा में मामला दर्ज किया। जांच के बाद इसमे SC-ST एक्ट और आपराधिक षड्यंत्र की धाराएं भी बढ़ाई गईं। विवेचना के बाद पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। कोर्ट में चली सुनवाई के बाद अदालत ने दोनों को दोषी माना। कोर्ट ने आरोपी नवीन प्रजापति और उसकी प्रेमिका सुशीला बाई को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपियों पर कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया है।
मृतक की पत्नी सुशीला बाई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर पदस्थ थी। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने SDM को प्रतिवेदन भेजा था। पुलिस से मिले प्रतिवेदन के बाद SDM ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुशीला बाई को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। SDM ने इस संबंध में आदेश जारी किया था।
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