गुना: पूर्व विधायक की जिला पंचायत अध्यक्ष को धमकी
ममता मीना बोलीं- उल्टी गिनती शुरू हो गयी है; अरविंद धाकड़ ने कहा- अभद्र भाषा का उपयोग किया
गुना। बुधवार को हुई जिला पंचायत को सामान्य सभा की बैठक में हंगामा हो गया। विकास कार्यों के प्रस्तावों को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष अरविंद धाकड़ और जिला पंचायत सदस्य ममता मीना में जोरदार बहस हो गयी। उन्होंने अध्यक्ष को हटाने तक की धमकी दे डाली। अध्यक्ष से यह तक कह दिया कि उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। हालांकि, ममता मीना का कहना है कि वह वरिष्ठ नेतृत्व से बात करेंगी और उनके सामने यह मामला उठाएंगी। वहीं अध्यक्ष अरविंद धाकड़ का कहना है कि सदस्य को इस तरह से अभद्र भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए। बैठक हॉल के बाहर का ममता मीना का एक वीडियो भी सामने आया है।
दरअसल, बुधवार को जिला पंचायत की प्रशासनिक समिति और सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में विकास कार्यों के कई प्रस्तावों पर चर्चा और निर्णय होने थे। जो प्रस्ताव सदस्यों की तरफ से दिए जाते हैं, उनका अनुमोदन सामान्य सभा की बैठक में होता है। दो-तिहाई बहुमत से उन प्रस्तावों को पास कराया जाता है। तभी वो प्रस्ताव स्वीकृत होते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की बैठक में पूर्व विधायक और जिला पंचायत सदस्य ममता मीना, उनके पति और जिला पंचायत सदस्य रघुवीर सिंह मीणा ने तीन प्रस्ताव दिए थे। इन प्रस्तावों को बुधवार को हुई बैठक में शामिल ही नहीं किया गया। न ही इन पर कोई चर्चा हुई। इसी बात पर ममता मीना भड़क गईं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी बात को लेकर उनके और अध्यक्ष के बीच काफी गहमा-गहमी हो गयी।
बैठक के बाद ममता मीना बाहर निकलीं तो उन्होंने वहां अपनी भड़ास निकाली। वह धमकी भरे लहजे में कहने लगीं कि उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। इस पूरे वाकये का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में ममता मीना कहती हुई सुनाई दे रही हैं कि आज से ही उल्टी तारीख शुरू हो गयी है। आज की तारीख लिख लो। कौन-कौन साथ है सब पता लग जायेगा। कौन है सबको देख लूंगी। इस पूरे मामले पर जब दैनिक भास्कर ने ममता मीना से बात की तो उनका कहना था कि उन्होंने विकास कार्यों के तीन प्रस्ताव दिए थे। वे वरिष्ठ नेतृत्व को पूरे मामले से अवगत कराएगी। उनसे बात करेंगी।
वहीं इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष अरविंद धाकड़ ने बताया कि वह पूरे जिले में विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। सभी से प्रस्ताव मांगे गए थे। उन पर बैठक में चर्चा हुई और उनका अनुमोदन कराया गया। ममता मीना बैठक में देर से आयीं। बैठक के बाद उन्होंने प्रस्ताव दिए। ऐसे में उन पर विचार नहीं हो सकता था। प्रस्तावों के अनुमोदन के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। इसके बाद उन्होंने अभद्र भाषा का उपयोग किया। अध्यक्ष पद से हटा देने और देख लेने तक की धमकी दी। यह भाषा ठीक नहीं है।
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