गिद्धों की कमी 5 लाख लोगों की असमय मौत की वजह बनी, पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ने से बड़ा खतरा
भारत में गिद्धों की कमी 5 लाख लोगों की असमय मौत की वजह बनी।पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ने से बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
नई दिल्ली (आरएनआई) भारत में तेजी से घटती गिद्धों की आबादी मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। इनकी कमी से पारिस्थितिकी आपदा से साल 2000 से 2005 के बीच करीब पांच लाख लोगों की असमय मौत का अनुमान है। अध्ययन साइंस पत्रिका अमेरिकन इकोनॉमिक रिव्यू में प्रकाशित हुआ है।
शोध के अनुसार, जिन इलाकों में गिद्ध कम हुए हैं वहां आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। साथ ही उनमें रेबीज का भी खतरा अधिक पाया गया। ये गिद्धों की तरह शव को पूरी तरह खत्म करने में सक्षम नहीं होते हैं। जबकि गिद्धों का समूह एक शव को 40 मिनट में साफ कर सकता है।
साल 1994 में किसानों ने दर्द, सूजन के उपचार के लिए मवेशियों को ‘डिक्लोफेनाक’ नामक दवा देना शुरू किया, लेकिन यह उन गिद्धों के लिए घातक थी जो इन जानवरों को खाते थे। इससे उनके गुर्दे नष्ट हो जाते थे। इसके बाद केवल एक दशक में, भारतीय गिद्धों की पांच करोड़ से अधिक आबादी घटकर मात्र कुछ हजार रह गई।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?