'गांधी का दिखावा, गोडसे का महिमामंडन': एनआईटी प्रोफेसर को डीन बनाने का मामला, कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा
महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने के आरोपी एनआईटी-कालीकट के प्रोफेसर को डीन नियुक्त करने का मामला तुल पकड़ने लगा है। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस मामले में मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा यह फैसला ‘‘गांधी का दिखावा और गोडसे का महिमामंडन करने’’ की सरकार की मानसिकता का हिस्सा है। आइए इस बारे में और जानें।

नई दिल्ली (आरएनआई) महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने के आरोपी एनआईटी-कालीकट के प्रोफेसर को डीन नियुक्त करने का मामला तुल पकड़ने लगा है। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस मामले में मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा यह फैसला ‘‘गांधी का दिखावा और गोडसे का महिमामंडन करने’’ की सरकार की मानसिकता का हिस्सा है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कालीकट (एनआईटी) के निदेशक की ओर से जारी आदेश में डॉ. शैजा ए को 7 मार्च से योजना व विकास विभाग का डीन नियुक्त किया गया है।
उन्होंने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश "महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के बीच चयन नहीं कर सके" और वह अब भाजपा के सांसद हैं। रमेश ने एक्स पर कहा, "यह सब मोदी की मानसिकता का हिस्सा है- गांधी का दिखावा करो, गोडसे का महिमामंडन करो।"
पिछले साल फरवरी में पुलिस ने शैजा से पूछताछ की थी, जब डीवाईएफआई, एसएफआई और युवा कांग्रेस जैसे संगठनों ने उनके खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत के अनुसार शैजा ने एक दक्षिणपंथी वकील द्वारा साझा किए गए पोस्ट के जवाब में गोडसे की प्रशंसा करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था।
कुन्नमंगलम पुलिस ने शैजा से चथमंगलम स्थित उनके आवास पर पूछताछ की थी। इस मामले में कुन्नमंगलम अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी थी। अपनी टिप्पणी में शैजा ने महात्मा गांधी की हत्या करने और इस प्रकार "भारत को बचाने" के लिए गोडसे पर कथित रूप से "गर्व" व्यक्त किया था। राजनीतिक दलों ने शैजा की डीन के रूप में नियुक्ति का कड़ा विरोध किया है। सीपीआई(एम) की युवा शाखा डीवाईएफआई ने एनआईटी तक विरोध मार्च निकालने की घोषणा की है।
एनआईटी-कालीकट के निदेशक के आदेश में शैजा को 7 मार्च तक वर्तमान डीन डॉ. प्रिया चंद्रन के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया है, ताकि "सुचारू बदलाव" संभव हो सके। आदेश के अनुसार, यह नियुक्ति पहले अगले आदेश तक दो वर्ष के लिए है।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?






