गर्मी के सितम के बीच मानसून भी अटका, जून में औसत से 20 फीसदी कम हुई बारिश

दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 मई को निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ा। इसके बाद इसने 26 मई तक चक्रवात रेमल के साथ दक्षिण के अधिकांश हिस्सों और बंगाल की खाड़ी के मध्य के कुछ हिस्सों को कवर कर लिया था। 

Jun 19, 2024 - 09:20
 0  729
गर्मी के सितम के बीच मानसून भी अटका, जून में औसत से 20 फीसदी कम हुई बारिश

नई दिल्ली (आरएनआई) भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि 12 से 18 जून के बीच मानसून में कोई प्रगति नहीं हुई है, जिसके चलते जून के महीने में भारत में सामान्य से 20 फीसदी कम बारिश हुई है। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन से चार दिनों में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में मानसून पहुंच सकता है। 

भारत में 1 से 18 जून के बीच 64.5 मिमी बारिश हुई, जो 80.6 मिमी के औसत से 20 प्रतिशत कम है। 1 जून से अब तक उत्तर-पश्चिम भारत में 10.2 मिमी बारिश (सामान्य से 70 प्रतिशत कम), मध्य भारत में 50.5 मिमी (सामान्य से 31 प्रतिशत कम), दक्षिण प्रायद्वीप में 106.6 मिमी (सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक) और पूर्व तथा पूर्वोत्तर भारत में 146.7 मिमी (सामान्य से 15 प्रतिशत कम) दर्ज की गई है। 

दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 मई को निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ा। इसके बाद इसने 26 मई तक चक्रवात रेमल के साथ दक्षिण के अधिकांश हिस्सों और बंगाल की खाड़ी के मध्य के कुछ हिस्सों को कवर कर लिया था। यह 30 मई को केरल और पूर्वोत्तर राज्यों में एक साथ पहुंचा, जो क्रमशः सामान्य से दो और छह दिन पहले था। 12 जून तक मानसून ने धीरे-धीरे केरल, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के पूरे राज्यों को कवर कर लिया। साथ ही दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों और दक्षिणी छत्तीसगढ़ और दक्षिणी ओडिशा के कुछ हिस्सों और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और सभी पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश हिस्सों को भी मानसून ने कवर कर लिया।

मौसम विभाग का कहना है कि, 'इसके बाद, मानसून आगे नहीं बढ़ा है और 18 जून को इसकी उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकानगिरी और विजयनगरम से होकर गुजरी।' आईएमडी ने बताया कि देश के 11 मौसम विज्ञान उप-विभागों में 1 से 18 जून के बीच सामान्य से लेकर बहुत अधिक बारिश हुई है, जबकि 25 में बहुत कम बारिश हुई है। 

मौसम विभाग ने मई के अंत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि देश में चार महीने के मानसून सीजन (जून से सितंबर) में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है, जिसमें कुल बारिश 87 सेमी औसत का 106 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम, उत्तर-पश्चिम में सामान्य और देश के मध्य और दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने कहा कि देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। भारत के कृषि परिदृश्य के लिए मानसून महत्वपूर्ण है, क्योंकि कुल खेती योग्य क्षेत्र का 52 प्रतिशत हिस्सा इस पर निर्भर करता है। यह पेयजल और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को फिर से भरने के लिए भी महत्वपूर्ण है। जून और जुलाई को कृषि के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानसून महीने माना जाता है क्योंकि खरीफ फसल की अधिकांश बुवाई इसी अवधि के दौरान होती है। 

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.