गरीबों को चावल की आपूर्ति में ‘नफरत की राजनीति’ न हो: अमित शाह को सिद्धरमैया की दो टूक
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष राज्य को चावल की आपूर्ति का मुद्दा उठाते हुए उन्हें दो टूक शब्दों में कहा कि इस मामले में ‘नफरत की राजनीति’ नहीं होनी चाहिए क्योंकि ‘अन्न भाग्य’ योजना गरीबों के लिए है।
नयी दिल्ली/बेंगलुरु, 22 जून 2023, (आरएनआई)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष राज्य को चावल की आपूर्ति का मुद्दा उठाते हुए उन्हें दो टूक शब्दों में कहा कि इस मामले में ‘नफरत की राजनीति’ नहीं होनी चाहिए क्योंकि ‘अन्न भाग्य’ योजना गरीबों के लिए है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार रात शाह से मुलाकात की और राज्य की ‘अन्न भाग्य’ योजना के लिए चावल की आपूर्ति के संबंध में चर्चा की।
‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कार्ड धारक परिवारों के प्रत्येक सदस्य को पांच किलोग्राम अतिरिक्त चावल प्रदान किए जाते हैं।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘मैंने कल रात अमित शाह से मुलाकात की। मैंने उन्हें अवगत कराया कि एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) चावल की आपूर्ति के लिए पहले राजी हो गया था और उसने इस संबंध में पत्र भी भेजा लेकिन अचानक अगले ही दिन उसने कहा कि वह चावल की आपूर्ति नहीं कर सकता। प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि मामले में राजनीति की गई है। यहां कोई नफरत से भरी राजनीति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह योजना गरीबों को चावल की आपूर्ति करने के लिए है।’’
उन्होंने नयी दिल्ली में पत्रकारों से कहा, ‘‘शाह ने मुझसे कहा कि वह संबंधित केंद्र मंत्री से बात करेंगे और उन्हें इस बारे में बताएंगे।’’
सिद्धरमैया और उनके मंत्री पिछले कुछ दिनों से केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह कांग्रेस को चुनावी वादे पूरे करने में ‘विफल’ करने के लिए साजिश रच रही है।
कांग्रेस अपने चुनावी वादे के मुताबकि एक जुलाई से ‘अन्न भाग्य’ योजना शुरू करने जा रही है। हालांकि इसके लिए उसे भारतीय खाद्य निगम से पर्याप्त मात्रा में चावल नहीं मिला है।
इस बीच, सिद्धरमैया ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य के लिए आईआरबी (इंडियन रिजर्व बटालियन) की दो और बटालियन देने का अनुरोध भी किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य को दो बटालियन दी गई हैं। दो और बटालियन राज्य को दी जानी चाहिए। मैंने इसकी मांग की है।’’
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