खाटूश्याम के भंडारे में उमड़ी भक्ति, श्रद्धा और समर्पण - यात्रा में हुई जय घोषों की गूंज - देर रात तक भजन-संध्या में भक्त हुए भावविभोर
हाथरस। खाटूश्याम के दो दिवसीय जन्मोत्सव में दूसरे दिन भी भक्ति, भाव और समर्पण की त्रिवेणी वही। हारे के सहारे के जय घोषों से देर रात तक मंदिर परिसर और आसपास का क्षेत्र गूंजता रहा। मंगला आरती से शुरू हुआ उत्सव देर भजन-कीर्तन के साथ संपन्न हुआ।
देव प्रबोधनी (देवोत्थान) एकादशी से आरंभ हुए खाटूश्याम जन्मोत्सव में दूसरे दिन भी ब्रज की द्वार देहरी डूबी रही। शुक्रवार को खाटूश्याम बाबा की सुबह मंगला आरती से ही भक्तों का उमड़ना नथाराम मार्ग स्थित मंदिर श्री खाटूश्याम में आरंभ हो गया था।
सेवायत आशीष गौड़ व राहुल गौड़ के मुताबिक सुबह श्रृंगार आरती के बाद भक्तों के जत्थे के जत्थे उमड़ रहे थे। भक्तों की इस श्रृंखला में सासनी, सादाबाद, सहपऊ, चंदपा, सिकंदराराऊ, खैर, अलीगढ़ के अलाव और भी दूरदराज के क्षेत्रों से भक्तों हाजरी लग रही थी। उन्होंने बताया कि श्रृंगार आरती बाद जब बाबा सायंकालीन फूलबंगला दर्शनों के लिए पट खुले तो मंदिर परिसर फिर से एक बार हारे के सहारे की जय बाबा श्याम प्यारे की जय घोषों गुंजायमान हो उठा।
इधर, सायं 7 बजे रुई की मंडी स्थित मंदिर ठा. श्री कन्हैयालाल जी महाराज से बाबा की भक्तिमय यात्रा आरंभ हुई जो नजिहाई बाजार, घंटाघर, बैनीगंज, घास मंडी, चिंताहरण मार्ग आदि मार्गों के बाद ओवरब्रज रामसेतु से होते हुए खाटूश्याम मंदिर पहुँच कर एक भव्य भजन-संध्या में परिवर्तित हो गई। जबकि बाबा के भंडारे में भक्तों देर रात तक भरमार रही और माहौल पूरी तरह भक्ति, समर्पण और श्रद्धा में डूबा रहा।
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